Tuesday, November 12, 2024

Guru Nanak Jayanti 2024 : कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्यों मनाते हैं गुरु नानक जयंती? जानें महत्व

 


Guru Nanak Jayanti 2024 : कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्यों मनाते हैं गुरु नानक जयंती? जानें महत्व



Guru Nanak Jayanti kab hai: गुरु नानक जयंती गुरु नानक देव जी के जन्म का उत्सव है, जो सिख धर्म में समानता, प्रेम और सेवा के प्रतीक हैं. इस दिन लोग कीर्तन, अखंड पाठ और लंगर का आयोजन कर उनके उपदेशों को याद करते हैं और सेवा, परोपकार, और ईश्वर-भक्ति का पालन करने का संकल्प लेते हैं.



Guru Nanak Jayanti 2024 Date: गुरु नानक जयंती सिख समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. यह पर्व हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इसे “गुरुपर्व” या “प्रकाश पर्व” भी कहा जाता है. यह पर्व सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. गुरु नानक देव जी को सिख समुदाय के पहले गुरु के रूप में भी जाना जाता है. यह आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर में पड़ता है. सिख समुदाय के लोगों के लिए यह पर्व बहुत खास होता है. इस पर्व को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन सभी गुरुद्वारों में विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता है. आइए जानते हैं इस वर्ष गुरु नानक जयंती किस दिन मनाई जाएगी.

गुरु नानक जयंती तिथि ( Guru Nanak Jayanti 2024 Date)

हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस साल कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर 2024 को पड़ रही है. इसलिए इस वर्ष गुरु नानक जयंती का पर्व 15 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस वर्ष गुरु नानक जी की 555 वीं जयंती मनाई जाएगी.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्यों मनाई जाती है गुरु नानक जयंती?

कहा जाता है कि गुरु नानक देव जी का जन्म साल 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था, तब से लेकर आज तक हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन उनकी जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. गुरु नानक जयंती के दो दिन पहले “अखंड पाठ” का आयोजन किया जाता है, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब का लगातार 48 घंटे का पाठ किया जाता है. इस पाठ का समापन गुरु नानक जयंती के दिन होता है. गुरु नानक जयंती के दिन सुबह में “नगर कीर्तन” का आयोजन किया जाता है.


नगर कीर्तन में सिख समुदाय के लोग शबद कीर्तन गाते हुए, गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में लेकर एक जुलूस के रूप में चलते हैं.इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन और प्रवचन होते हैं, जहां गुरु नानक देव जी के उपदेशों और शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है. इससे सिख समुदाय के लोग उनके संदेशों को याद करते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं. इस दिन गुरुद्वारों में विशेष लंगर का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी धर्मों और जातियों के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं.

लंगर का उद्देश्य समानता और भाईचारे का संदेश देना है. कुछ स्थानों पर इस अवसर पर दीपक जलाए जाते हैं और गुरुद्वारों को सजाया जाता है. इस दिन लोग सेवा व दान आदि भी करते हैं, जैसे गरीबों को भोजन कराना, कपड़े दान करना, और समाज सेवा से जुड़े कार्य करते हैं.

गुरु नानक जयंती का महत्व

गुरु नानक जयंती का महत्व सिख धर्म के पहले गुरु माने जाने वाले, गुरु नानक देव जी के जीवन और उनके उपदेशों को स्मरण करना है. गुरु नानक देव जी ने हमेशा समानता, प्रेम, सेवा, और ईमानदारी के सिद्धांतों पर जोर दिया. इस दिन लोग जाति और धर्म से परे, सभी के प्रति भाईचारा और सहिष्णुता की भावना को अपनाने का संकल्प लेते हैं. गुरु नानक देव जी ने “नाम जपो, किरत करो, वंड छको” का संदेश दिया, यानी ईश्वर का नाम जपें, ईमानदारी से कार्य करें और जरूरतमंदों के साथ बांटकर खाएं. यह पर्व उनके द्वारा स्थापित निस्वार्थ सेवा और मानवता के प्रति प्रेम की भावना को मनाने और अपने जीवन में उतारने का पावन अवसर होता है.

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