Wednesday, December 4, 2024

गुरुवार के दिन पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, घर चलकर आएंगी मां लक्ष्मी

  


हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

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गुरुवार के दिन पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, घर चलकर आएंगी मां लक्ष्मी

गुरुवार के दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी विष्णु जी की अर्धांगिनी हैं। ऐसे में यदि आप गुरुवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं तो इससे आपको धन की देवी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा की प्राप्ति हो सकती है। तो चलिए पढ़ते हैं लक्ष्मी जी के 108 नाम।

  1. गुरुवार के दिन की जाती है भगवान विष्णु की पूजा।
  2. गुरुवार के दिन मां लक्ष्मी की भी कर सकते हैं आराधना।
  3. साधक को मिलता है सुख-समृद्धि का आशीर्वाद।
 हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि मां लक्ष्मी कृपा से साधक को धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे में आप गुरुवार के दिन पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के 108 नामों का जप कर सकते हैं। इससे साधक पर धन की देवी की कृपा बनी रहती है और उसे आर्थिक समस्या से भी छुटकारा मिलता है।

मां लक्ष्मी के 108 नाम

2. ऊँ विकृत्यै नम:

3. ऊँ विद्यायै नम:
4. ऊँ सर्वभूत-हितप्रदायै नम:

5. ऊँ श्रद्धायै नम:
27. ऊँ लक्ष्म्यै नमः

28. ऊँ नित्यपुष्टायै नमः

29. ऊँ विभावर्यै नमः

30. ऊँ अदित्यै नमः

31. ऊँ दित्यै नमः

32. ऊँ दीप्तायै नमः

33. ऊँ वसुधायै नमः

34. ऊँ वसुधारिण्यै नमः

35. ऊँ कमलायै नमः

36. ऊँ कान्तायै नमः

37. ऊँ कामाक्ष्यै नमः

38. ऊँ क्रोधसंभवायै नमः

39. ऊँ अनुग्रहप्रदायै नमः
57. ऊँ वरारोहायै नमः

58. ऊँ यशस्विन्यै नमः

59. ऊँ वरलक्ष्म्यै नमः

60. ऊँ वसुप्रदायै नमः

61. ऊँ शुभायै नमः

62. ऊँ हिरण्यप्राकारायै नमः

63. ऊँ समुद्रतनयायै नमः

64. ऊँ पद्ममुख्यै नमः

65. ऊँ पद्मनाभप्रियायै नमः
धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए आप पूजा के दौरान उन्हें कमल का फूल, सफेद रंग की मिठाई, खीर आदि का भोग लगा सकते हैं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपसे प्रसन्न होती हैं और धन-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
102. ऊँ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः

103. ऊँ शान्तायै नमः

104. ऊँ शुक्लमाल्यांबरायै नमः

105. ऊँ श्रियै नमः

106. ऊँ जयायै नमः

107. ऊँ मंगलादेव्यै नमः

108. ऊँ विष्णुवक्षस्थलस्थितायै नमः

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