Thursday, June 6, 2024

Vat Savitri Vrat 2024

प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मन्दिर (श्री शिव मंदिर महंत/पुजारी:- श्री पप्पू बाबा(उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रीट घाट पटना बिहार इंडिया


Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत पर आज सुनें ये खास कथा, होगी हर इच्छा पूरी

Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए रखती हैं और कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाओं वट यानी बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।


Vat Savitri Vrat 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को किया जाता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। वट सावित्री व्रत सौभाग्य प्राप्ति के लिए एक बड़ा व्रत माना जाता है।   कहा जाता हैं कि इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं एक साथ मिलकर कथा सुनती हैं। तो आइए जानते हैं उस कथा के बारे में।

वट सावित्री व्रत कथा 

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावित्री, मद्रदेश में अश्वपति नाम के राजा की बेटी थी। विवाह योग्य होने पर सावित्री को वर खोजने के लिए कहा गया तो उसने द्युमत्सेन के पुत्र सत्यवान का जिक्र किया। ये बात जब नारद जी को पता चली तो वे राजा अश्वपति से बोले कि सत्यवान अल्पायु हैं और एक वर्ष बाद ही उसकी मृत्यु हो जाएगी। ये जानकर भी सावित्री विवाह के लिए अड़ी रही। सावित्री के सत्यवान से विवाह के पश्चात सावित्री सास-ससुर और पति की सेवा में लगी रही। नारद जी ने मृत्यु का जो दिन बताया था, उस दिन सावित्री भी सत्यवान के साथ वन में चली गई। वन में सत्यवान जैसे ही पेड़ पर चढ़ने लगा, उसके सिर में असहनीय दर्द शुरू हो गया। वो सावित्री की गोद में अपना सिर रखकर लेट गया। कुछ देर बाद सावित्री ने देखा यमराज अनेक दूतों के साथ वहां पहुंचे और वे सत्यवान के अंगुप्रमाण जीव को लेकर दक्षिण दिशा की ओर चल दिए।

सावित्री को अपने पीछे आते देख यमराज ने कहा, हे पतिपरायणे! जहां तक मनुष्य साथ दे सकता है, तुमने अपने पति का साथ दे दिया। अब तुम लौट जाओ, सावित्री ने कहा, जहां तक मेरे पति जाएंगे, वहां तक मुझे जाना चाहिए। ये मेरा पत्नि धर्म है। यमराज ने सावित्री की धर्मपरायण वाणी सुनकर वर मांगने को कहा। सावित्री ने कहा, मेरे सास-ससुर अंधे हैं, उन्हें नेत्र-ज्योति दें।

यमराज ने ‘तथास्तु’ कहकर उसे लौट जाने को कहा, किंतु सावित्री उसी प्रकार यमराज के पीछे चलती रही। यमराज ने उससे पुन: वर मांगने को कहा। सावित्री ने वर मांगा, मेरे ससुर का खोया हुआ राज्य उन्हें वापस मिल जाए। यमराज ने ‘तथास्तु’ कहकर उसे फिर से लौट जाने को कहा, परंतु सावित्री नहीं मानी। सावित्री की पति भक्ति व निष्ठा देखकर यमराज पिघल गए। उन्होंने एक और वर मांगने के लिए कहा। तब सावित्री ने वर मांगा, मैं सत्यवान के पुत्रों की मां बनना चाहती हूं। कृपा कर आप मुझे यह वरदान दें।

सावित्री की पति-भक्ति से प्रसन्न हो इस अंतिम वरदान को देते हुए यमराज ने सत्यवान को पाश से मुक्त कर दिया और अदृश्य हो गए। सावित्री अब उसी वट वृक्ष के पास आई। वट वृक्ष के नीचे पड़े सत्यवान के मृत शरीर में जीव का संचार हुआ और वह उठकर बैठ गया। सत्यवान के माता-पिता की आंखें ठीक हो गईं और उन्हें उनका खोया हुआ राज्य वापस मिल गया।

पूजन विधि


इस व्रत में वटवृक्ष की पूजा की जाती है। महिलाएं अखण्ड सौभाग्य व परिवार की समृद्धि के लिए यह व्रत करती हैं। व्रत की परिक्रमा करते समय 108 बार सूत लपेटा जाता है। महिलाएं सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं। सावित्री की कथा को सुनने से मनोरथ पूर्ण होते हैं और विपदा दूर होती है।


Monday, April 22, 2024

हर हर महादेव 🕉️ओम नमः शिवाय! नमः शिवाय🕉️ 🙏


प्रतिदिन करें भगवान शिव के ये 4 बीज मंत्र का जाप, जीवन में बनी रहेगी सुख- समृद्धि, आरोग्य की होगी प्राप्ति

Lord Shiva Mantra: हिंदू धर्म में धर्म में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवता भोलेनाथ माने जाते हैं। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव के 4 बीज मंत्र...


भगवान शिव के 5 बीज मंत्र, दिलाएंगे हर समस्या से छुटकारा, आप भी रहेंगे रोग मुक्त 

Lord Shiva Mantra: हिंदू धर्म में भगवान शिव की सबसे अधिक पूजा की जाती है। वहीं मान्यता है कि भगवान शिव थोड़ी सी पूजा से ही खुश हो जाते हैं। मतलब अगर कोई भक्त सच्चे मन से शिवलिंग पर एक लोटा जल ही चढ़ा दे तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं नवग्रहों पर भगवान शिव का आधिपत्य माना जाता है। मतलब अगर कोई व्यक्ति भगवान शिव की पूजा करें तो उसके नवग्रह भी अनुकूल हो जाते हैं। ऐसे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि अगर आप भगवान शिव के 4 प्रभावशाली बीज मंत्र के बारे में, कि अगर आप रोज इन बीज मंत्र का जाप करें तो आपके जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहेगा। साथ ही आरोग्य की भी प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं इन बीज मंत्र के बारे में…

शरीर रहेगा रोग मुक्त

शिव पुराण के अनुसार ॐ नमः शिवाय भगवान शिव का प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जप करता है तो ऐसा करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।


मेरा मंदिर हेरिटेज का बनाया हुआ था। यह मेरा मंदिर फर्स्ट था शिव जी का बना हुआ था
पूरे  परिसर में कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 


महादेव जी को भोग लगाके हर पूर्णिमा को प्रसाद वितरण होता था 


मेरा मंदिर हेरिटेज का बनाया हुआ था। यह मेरा मंदिर फर्स्ट था शिव जी का बना हुआ था
पूरे  परिसर में कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 



हर हर महादेव 
 🕉️ नमः शिवाय 


हर हर महादेव  🕉️ नमः शिवाय 


हर हर महादेव  🕉️ नमः शिवाय 


महादेव जी को भोग लगाके हर पूर्णिमा को प्रसाद वितरण होता था 


महादेव जी को भोग लगाके हर पूर्णिमा को प्रसाद वितरण होता था 


महादेव जी को भोग लगाके हर पूर्णिमा को प्रसाद वितरण होता था 


हर हर महादेव 
 🕉️ नमः शिवाय 


यह मेरा पुराना मंदिर का फोटो है। 
मेरा मंदिर तोड़ दिया है गवर्नमेंट के स्टाफ ने डीएम ऑफिस बनाने के चक्कर मैं कैंपस से बाहर मंदिर को छोटा बना दिया गया 
मुझे और श्रद्धालुओं को  पूजा पाठ करने में बहुत दिक्कत हो रहा है & सरकार से आगरा है कि मंदिर को जल्द से जल्द बनाया  डीएम कैंपस में जहां मेरा मंदिर था  पहले महादेव जी का मंदिर भव्य मंदिर बनाया जाए

और मुझे बना कर दिया जाए जल्द से जल्द!

हर हर महादेव  🕉️ नमः शिवाय 

सभी मनोरथ होंगे पूर्ण

शास्त्रों के अनुसार ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः भोलेनाथ का ये मंत्र रुद्र मंत्र है। इस मंत्र के प्रतिदिन जाप से व्यक्ति के हर मनोरथ पूर्ण होते हैं। साथ ही इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि ये आपकी हर इच्छा भगवान शिव तक पहुंचाती है।


लंबी आयु की होगी प्राप्ति

महाकाल का का महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् || इसको बेहद प्रभावशाली माना जाता है। इस मंत्र में बहुत शक्ति है। मतलब अगर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार है तो इस मंत्र का उसे जाप करना चाहिए। वहीं इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।


हर हर महादेव  🕉️ नमः शिवाय 

आर्थिक स्थिति रहती है मजबूत

भगवान शिव का का गायत्री मंत्र ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहितन्नो रुद्रः प्रचोदयात्! बेहद शक्तिशाली माना गया है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र अनुसार जो व्यक्ति रोग इस मंत्र का जाप करता है उसे सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है उसके जावन में शांति बनी रहती है। वही आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है।

धन्यवाद

हर हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍🙏🕉️🙏

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर
(श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 


Wednesday, April 17, 2024

Ram Navami 2024: रामनवमी पर आज कैसे करें भगवान राम की पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि


Ram Navami 2024: रामनवमी पर आज कैसे करें भगवान राम की पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Ram Navami 2024: महानवमी पर घर-घर में मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा होती है. महानवमी पर कन्या पूजन के बाद नवरात्रि व्रत का पारण होता है और इस तरह देवी की विदाई हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन भगवान राम की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गाय है.

Ram Navami 2024: आज चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि है. इसे महानवमी या रामनवमी भी कहते हैं. महानवमी पर घर-घर में मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा होती है. महानवमी पर कन्या पूजन के बाद नवरात्रि व्रत का पारण होता है और इस तरह देवी की विदाई हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन भगवान राम की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गाय है. आइए जानते हैं रामनवमी के त्योहार का भगवान राम के साथ क्या कनेक्शन है और इस दिन प्रभु श्रीराम की उपासना कैसे की जाती है.

भगवान राम का चैत्र नवरात्र से संबंध
ऐसी मान्यताएं हैं कि चैत्र नवरात्र के नौवें दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था. इसलिए इसे रामनवमी भी कहा जाता है. भगवान राम मध्य दोपहर में कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे थे. इसलिए रामनवमी पर मध्य दोपहर में भगवान राम की पूजा अर्चना करनी चाहिए.

रामनवमी पर कैसे करें श्रीराम की पूजा? (Ram Navami 2024)
रामनवमी के दिन दोपहर के समय भगवान राम की उपासना करें. घर में किसी उचित स्थान पर रामदरबार रखें. सबसे पहले भगवान के सामने घी का दीपक प्रज्वलित करें. भगवान राम को पीले फल, पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें. तुलसी दल भी जरूर अर्पित करें. उन्हें फल या मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद "ॐ राम रामाय नमः" का जाप करें. रामचरितमानस के बालकाण्ड का पाठ करना भी उत्तम होगा.

शुभ मुहूर्त (Ram Navami 2024 Shubu Muhurt)
रामनवमी पर भगवान राम की पूजा के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं.

पहला मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 36 मिनट तक रहेगा
दूसरा मुहूर्त (विजय मुहूर्त)- दोपहर 2 बजकर 34 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 34 मिनट तक

रामनवमी के दिन हवन का विधान (Ram Navami 2024 Puja Vidhi)
नवमी के दिन नवरात्रि की पूर्णता के लिए हवन भी किया जाता है. नवमी के दिन पहले पूजा करें. फिर हवन करें. हवन सामग्री में जौ और काला तिल मिलाएं. इसके बाद कन्या पूजन करें. कन्या पूजन के बाद सम्पूर्ण भोजन का दान करें.

- आर्थिक लाभ के लिए मखाने और खीर से हवन करें

आर्थिक लाभ के लिए मखाने और खीर से हवन करें 
- कर्ज मुक्ति के लिए राई से हवन करें
- संतान सम्बन्धी समस्याओं के लिए माखन मिसरी से हवन करें
- ग्रह शान्ति के लिए काले तिल से हवन करें
- सर्वकल्याण के लिए काले तिल और जौ से हवन करें

राम रक्षा स्तोत्र का पाठ
रामनवमी के दिन मध्य दोपहर में श्रीराम की पूजा के बाद "राम रक्षा स्तोत्र" का पाठ अवश्य करें. ऐसी मान्यताएं हैं कि इससे आपकी स्वास्थ्य की समस्या दूर होती हैं और दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है.

 

Maha Navami Kanya Pujan Muhurt: महानवमी पर आज कन्या पूजन के लिए बस इतने घंटे का मुहूर्त, विधि और पारण का समय भी जानें


 Maha Navami Kanya Pujan Muhurt: महानवमी पर आज कन्या पूजन के लिए बस इतने घंटे का मुहूर्त, विधि और पारण का समय भी जानें

Maha Navami Kanya Pujan Muhurt: चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की उसापना के बाद कन्या पूजन किया जाता है. फिर पारण के बाद चैत्र नवरात्रि का महापर्व समाप्त हो जाता है. आइए जानते हैं कि इस बार नवरात्रि की महानवमी क्यों खास रहने वाली है.

Maha Navami Kanya Pujan Muhurt: आज चैत्र नवरात्रि की महानवमी है. इसे रामनवी भी कहते हैं. चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की उसापना के बाद कन्या पूजन किया जाता है. फिर पारण के बाद चैत्र नवरात्रि का महापर्व समाप्त हो जाता है. आइए जानते हैं कि इस बार नवरात्रि की महानवमी क्यों खास रहने वाली है. और नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि क्या होगी.

क्यों खास है महानवमी? (Chaitra navratri 2024 Maha Navami)
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार महानवमी पर रवि योग का शुभ संयोग बन रहा है. सनातन धर्म में रवि योग को बहुत ही शुभ माना गया है. रवि योग में सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है. महानवमी पर रवि योग पूरे दिन रहने वाला है.

मां सिद्धिदात्री की महिमा
चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. मां सिद्धिदात्री नवदुर्गा का नौवां और अंतिम स्वरूप हैं. इनकी पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं. मां सिद्धिदात्री कमल के पुष्प पर विराजमान हैं और इनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म है. यक्ष, गंधर्व, किन्नर, नाग, देवी-देवता और मनुष्य सभी इनकी कृपा से सिद्धियों को प्राप्त करते हैं. ऐसी मान्यताएं हैं कि नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना करने से नवरात्रि के 9 दिनों की उपासना का फल मिलता है.

कैसे करें मां सिद्धिदात्री की पूजा? (Maa siddhidatri puja)
चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर सुबह स्नानादि के बाद देवी की आराधना और कन्या पूजन का संकल्प लें. मां सिद्धिदात्री के समक्ष एक घी का दीपक प्रज्वलित करें. उन्हें नौ कमल के फूल अर्पित करें. मां सिद्धिदात्री को 9 प्रकार के पकवान, फल या मिठाई अर्पित कर सकते हैं. इसके बाद देवी के मंत्र "ॐ ह्रीं दुर्गाय नमः" का यथाशक्ति जाप करें. फिर अर्पित किए हुए कमल के फूल को लाल वस्त्र में लपेट कर रखें. देवी को अर्पित किए हुए खाद्य पदार्थों को पहले निर्धनों में बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें.

कन्या पूजन विधि (Navami kanya puja vidhi)
मां सिद्धिदात्री की पूजा के बाद कन्या पूजन प्रारंभ करें. इसके लिए सबसे पहले अपने कन्याओं के घर जाकर उन्हें भोज के लिए आमंत्रित करें. गृह प्रवेश पर कन्याओं का पूरे परिवार के साथ पुष्प वर्षा से स्वागत करें और मां दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाएं. अब इन कन्याओं को आरामदायक और स्वच्छ जगह बैठाएं. इन कन्याओं के साथ एक बटुक यानी बालक भी बैठाएं. कन्याओं के साथ बैठे इस बटुक को भैरव का स्वरूप माना जाता है. इन सभी के पैरों को दूध से भरे थाल या थाली में रखकर अपने हाथों से उनके पैर धोने चाहिए और पैर छूकर आशीष लेना चाहिए.

इसके बाद कन्याओं के माथे पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए. फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं. इसमें हलवा, पूरी और चने का प्रसाद सबसे उत्तम माना जाता है. भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पुनः पैर छूकर आशीष लें.

कन्या पूजन का मुहूर्त  (Navami kanya pujan shubh muhurt)
इस बार रामनवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक रहने वाला है. यानी कन्या पूजन के लिए आपको 1 घंटा 24 मिनट का समय मिलेगा.

2 से 10 वर्ष की कन्या क्यों हैं खास?

2 साल की कन्या को कौमारी कहा जाता है. कहते हैं कि कौमारी कन्या की पूजा से घर की दरिद्रता दूर होती है और आर्थिक मोर्चे पर लाभ मिलता है.

3 वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति रूप में मानी जाती है. त्रिमूर्ति कन्या के पूजन से धन-धान्‍य आता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है.

4. वर्ष की कन्या को कल्याणी माना जाता है. इसकी पूजा से परिवार का कल्याण होता है और घर में खुशहाली आती है.

5 वर्ष की कन्या रोहिणी कहलाती है. रोहिणी को पूजने से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है. ऐसे घर में कभी रोग या बीमारी से लोग परेशान नहीं होते हैं.

6 वर्ष की कन्या को कालिका रूप कहा गया है. कालिका रूप से विद्या, विजय, राजयोग की प्राप्ति होती है.

7 वर्ष की कन्या का रूप चंडिका का है. चंडिका रूप का पूजन करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.

8 साल की कन्या को शांभवी कहा जाता है. कहते हैं कि 8 साल की कन्या का पूजन करने से सभी कार्यों में सफलता मिलती है.

9 साल की कन्या को मां दुर्गा का रूप माना जाता है. मान्यता है कि 9 साल की कन्या का पूजन से शत्रुओं पर विजयी मिलती है.

10 साल की उम्र की कन्या सुभद्रा होती है. कहते हैं कि 10 साल की कन्या की पूजा से हर मनोकामना पूरी हो सकती है.

चैत्र नवरात्रि व्रत पारण का समय (Navami paran time)
चैत्र नवरात्रि में 9 दिन की व्रत-उपासना के बाद नवमी तिथि पर व्रत का पारण किया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस बाद चैत्र शुक्ल नवमी तिथि 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 01.23 बजे से 17 अप्रैल को दोपहर 03.14 बजे पर खत्म होगी. ऐसे में नवमी पर दोपहर 03 बजकर 14 मिनट के बाद आप चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण कर सकते हैं.


Sunday, March 31, 2024

हर हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏

Somwar Ka Mantra: भगवान शिव के इन चमत्कारी मंत्रों से दूर होते हैं रोग, दोष और सभी कष्ट

Somwar Mantra: सोमवार का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर शिवलिंग की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.



Somwar ke Mantra: भगवान शिव की उपासना के लिए सोमवार दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि सप्ताह के पहले दिन अर्थात सोमवार के दिन भगवान शिव की विधिवत उपासना करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में सोमवार व्रत को भी बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. जो व्यक्ति अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है, उन्हें सोमवार व्रत से विशेष लाभ प्राप्त होता है. इसके साथ कुछ ऐसे वैदिक मंत्र भी बताए गए हैं, जिनका जाप सोमवार के दिन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और भगवान शिव उनसे प्रसन्न होते हैं. आइए जानते हैं, सोमवार दिन से जुड़े कुछ प्रभावशाली मंत्र और उनके लाभ.


सोमवार के दिन करें भगवान शिव के इन विशेष मंत्रों का जाप

ॐ नमःशिवाय

भगवान शिव के इस मूल मंत्र का जाप करने से रोग, दोष और कष्ट सभी समाप्त हो जाते हैं और रुके हुए काम भी पूरे होने लगते हैं. साथ ही इस मंत्र से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं.

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्..


भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र को बहुत ही कारगर माना जाता है. मान्यता है कि महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप करने से अकाल मृत्यु का डर समाप्त हो जाता है और इससे जुड़े खतरे भी टाल जाते हैं. साथ ही इस ध्यान मंत्र का जाप करने से रोग-दोष भी दूर होता है.


ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात


भगवान शिव के गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं. प्रत्येक दिन कम से कम 108 बार भगवान शिव के गायत्री मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को जीवन में सभी प्रकार की सफलताएं प्राप्त होती हैं और रुके हुए कार्य भी पूरे होने लगते हैं. इस मंत्र का जाप सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करने से विशेष लाभ मिलता है.



 

Saturday, March 23, 2024

#HoliDanhan

प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर ) के तरफ से आप सभी भगतगानों को होलिका दहन की हार्दिक शुभकामनायें 


महंत/पुजारी जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

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Holika Dahan 2024 Kab hai: होलिका दहन पर पूरे दिन रहेगा भद्रा का अशुभ साया, मिलेगा पूजन के लिए सिर्फ इतना समय



Holika Dahan 2024: होलिका दहन पर किसी वृक्ष की शाखा को जमीन में गाड़ कर उसे चारों तरफ से लकड़ी कंडे उपले से घेर कर निश्चित मुहूर्त में जलाया जाता है। इस बार होलिका 24 मार्च, सोमवार को किया जाएगा।

होलिका दहन 2024 मुहूर्त



24 मार्च रविवार को रात में 10:28 बजे भद्रा खत्म हो जा रही है, उसके बाद आप होलिका दहन कर सकते हैं। ऐसे में होलिका दहन का मुहूर्त रात 10:28 पीएम के बाद से है।

होलिका दहन का मंत्र

रविवार को जब आप रात में होलिका दहन करें तो उस समय आपको ॐ होलिकायै नमः मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

होलिका दहन की सही विधि



1. होलिका दहन वाले दिन शुभ मुहूर्त में होलिका के पास दक्षिण दिशा में एक कलश स्थापित कर दें. उसके बाद पंच देवताओं की पूजा करें।

2. उसके बाद होलिका का मंत्र जाप करते हुए पूजन करें. भक्त प्रह्लाद और भगवान हिरण्यकश्यप की भी पूजा करें। उसके बाद होलिका की 7 बार परिक्रमा करें और उसमें कच्चा सूत लपेट दें।

3. फिर नारियल, जल और अन्य पूजा सामग्री होलिका को अर्पित कर दें। उसके बाद होलिका दहन करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका की अग्नि में गेहूं की बालियां सेंककर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है।





Thursday, March 7, 2024

#Mahashivratri

            Maha Mahashivratri

प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर।           (श्री शिव मन्दिर ) 



 महंत/पुजारी जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 
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Mahashivratri 2024 Date Shubh Muhurt: महाशिवरात्रि कल, शिवजी की पूजा के लिए मिलेगा बस इतना समय, जानें शुभ मुहूर्त

Mahashivratri 2024 Date: कहते हैं कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान होता है। इस दिन महादेव की कृपा जिस पर हो जाए, उसका जीवन खुशियों से भर जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार शुक्रवार, 8 मार्च को मनाया जाएगा।

Mahashivratri 2024 Kab Hai: फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को हर साल महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। शिवरात्रि दिव्य और चमत्कारी शिव कृपा का महापर्व. कहते हैं कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान होता है। इस दिन महादेव की कृपा जिस पर हो जाए, उसका जीवन खुशियों से भर जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का त्योहार शुक्रवार, 8 मार्च को मनाया जाएगा।  आइए आपको शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और कुछ दिव्य उपाय बताते हैं।


शिवरात्रि की महिमा (Mahashivratri 2024 Significance)



हिन्दू परंपरा के अनुसार, इस दिन शिवजी का प्राकट्य हुआ था। शिवजी का विवाह भी इस दिन माना जाता है। इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व बताया गया है। शिवरात्रि की प्रत्येक पहर परम शुभ होती है। महाशिवरात्रि पर महादेव और मां पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना से भक्तों को मनचाहा वरदान मिलता है। ये पूजा चार प्रहर में की जाती है।


पूजा का शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2024 Shubh muhurt)

प्रथम प्रहर की पूजा समय- 8 मार्च शाम 06.25 बजे से रात्रि 09.28 बजे तक

दूसरे प्रहर की पूजा का समय- रात 09.28 बजे से 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 बजे तक

तीसरे प्रहर की पूजा का समय- 9 मार्च मध्य रात्रि 12.31 बजे से सुबह 03.34 बजे तक

चतुर्थ प्रहर की पूजा का समय- 9 मार्च को सुबह 03.34 बजे से सुबह 06.37 बजे तक


Vat Savitri Vrat 2024

प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मन्दिर (श्री शिव मंदिर  महंत/पुजारी:- श्री पप्पू बाबा(उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रीट घाट...