Saturday, March 27, 2021

 


होली दहन का शुभ मुहूर्त 27 मार्च, रविवार शाम 7 बजे से आधी रात तक, जानिये पूर्णिमा, भद्रा, प्रदोष काल का समय

इस बार दहन का मुहूर्त शाम सात बजे से लेकर अर्द्धरात्रि 12 बजे तक होगा। फागुन के अंतिम दिन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर रविवार को होलिका दहन होगा। पूर्णिमा तिथि 27 की देर रात 2ः28 बजे लग रही है जो 28 की देर रात 12ः39 बजे तक रहेगी। शास्त्रीय मान्यता अनुसार प्रतिपदा, चतुर्दशी, दिन और भद्रा में होलिका दहन त्याज्य है। आमतौर पर हर पूर्णिमा को भद्रा होती है, उसके बाद ही होलिका दहन किया जाता है। इस बार भद्रा रविवार को दिन में 1ः33 बजे ही खत्म हो जा रही है।  होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को किया जाता है। इसके साथ ही होलाष्टक संपन्न हो जाएगा। दूसरे दिन सोमवार को चैत्र मास कृष्णपक्ष प्रतिपदा को धुरड्डी यानी रंगोत्सव मनाया जाएगा। होलिका दहन के बारे में कहा गया है- 'निशामुखे प्रदोषे'। प्रदोष काल सूर्यास्त के 48 मिनट के बाद तक होता है। चूंकि रविवार को सूर्यास्त 6ः11 बजे हो रहा है, इसलिए प्रदोष काल 6ः59 बजे तक रहेगा, इसलिए होलिका दहन पूर्णिमा रात रविवार को शाम सात बजे लेकर 12ः39 बजे तक किया जा सकता है। वह बताते हैं कि होलिका दहन का सबसे अच्छा समय रात नौ से 11 बजे तक है। इस दिन ढूंढा राक्षसी का ओम होलिकाये नमः जाप के साथ विधिवत पूजन किया जाता है।

जानिये पूर्णिमा, भद्रा एवं प्रदोष का काल

पूर्णिमा का मुहूर्त पूर्णिमा काल : 27 मार्च की रात 2ः28 बजे से आरंभ, 28 की देर रात 12ः39 बजे तक

पूर्णिमा भद्रा काल : रविवार को दिन में 1ः33 बजे तक।

प्रदोष काल : रविवार शाम 6ः59 बजे तक।

होलिका दहन मुहूर्त : रविवार शाम 7ः00 बजे से रात 12ः39 बजे तक।

होलिका दहन की लौ भी बताती है शुभ एवं अशुभ फल दहन की लौ भी शुभ-अशुभ का संकेत देती है। यदि यह लौ पूर्व दिशा की ओर उठती है तो इससे आने वाले समय में धर्म, अध्यात्म, शिक्षा व रोजगार के क्षेत्र में उन्नति के अवसर बढ़ते हैं। वहीं, पश्चिम में आग की लौ उठे तो पशुधन को लाभ होता है। उत्तर की ओर हवा का रुख रहने पर देश व समाज में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा दक्षिण दिशा में होली की लौ हो तो अशांति और क्लेश बढ़ता है। झगड़े-विवाद होते हैं। पशुधन की हानि होती है। आपराधिक मामले बढ़ते हैं।Holi 2021: इस होली अपनाएं ये खास उपाय, कार्य सिद्ध होने के साथ ही पूरी होंगी मनोकामनाएं

This Holi On 29 March 2021- ऐसे उपाय जिनकी मदद से कार्य सिद्ध होने के साथ ही पूरी होती हैं मनोकामनाएं

हिंदी महीने का फाल्गुन मास शुरु हो चुका है। भारतीय परंपरा में यह माह उल्लास का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन मनाया जाता है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, वहीं होलिका दहन के अगले दिन रंगों का त्यौहार होली मनाया जाता है। इस बार होलिका दहन 28 और होली 29 मार्च, सोमवार के दिन (Holi 2021) मनाई जाएगी।

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

होलिका दहन तिथि- 28 मार्च (रविवार)

होलिका दहन शुभ मुहूर्त- शाम 6 बजकर 36 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक

जानकारों के अनुसार भारतीय परंपरा में फागुन का महीना उल्लास का प्रतीक माना गया है। यह वह समय होता है जहां एक ओर फसल पककर तैयार हो जाती है, वहीं शीत खत्म होने की स्थिति सामने आने के बावजूद गर्मी आने में अभी समय होता है।

इस समय बागों में बहार होने के साथ ही मौसम खुशनुमा होता है। ऐसे में जहां मन रंगीन हुआ जाता है, वहीं इस रंग को होली के रंग और गाढ़ा कर देते हैं।

28 मार्च को होलिका दहन

इस बार 28-29 मार्च 2021 को होली (Holi 2021) का त्योहार है। इस त्योहार को लेकर अधिकांश घरों में तैयारियां भी शुरू हो चुकीं हैं, वहीं जानकारों का मानना है कि होली का त्यौहार सिर्फ मस्ती का ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का भी उत्सव है। फाल्गुन पूर्णिमा की पावन तिथि और चैत्र मास का नया साल इसे और भी महत्वपूर्ण बना देता है।

शास्त्रों के अनुसार होली में किए गए उपाय अधिक फलदायी होते हैं, इसलिए होली की रात को लोग अपने कार्य सिद्ध करने और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं।

ऐसे किया जाता है होलिका दहन?

होलिका दहन वाली जगह पर कुछ दिनों पहले एक सूखा पेड़ रख दिया जाता है। जिसके बाद होलिका दहन के दिन उस पर लकड़ियां, घास, पुआल और गोबर के उपले रख उसमें आग लगाते हैं।

मान्यता के अनुसार होलिका दहन के शुभ मुहूर्त में परिवार के किसी वरिष्ठ सदस्य से अग्नि प्रज्जवलित करानी चाहिए। होलिका दहन को कई जगह छोटी होली भी कहते हैं, इसके अगले दिन एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर होली का त्योहार मनाया जाता है।

होली : यहां होती है कुछ खास...

पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध ब्रज की होली है। यहां होली का पर्व पूरे महीने चलता है। बरसाना की लट्ठमार होली बहुत मशहूर है, जबकि मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में होली के पांचवें दिन रंगपंचमी खेली जाती है। इसके अलावा महाराष्ट्र में लोग रंग पंचमी के दिन एक-दूसरे को सूखा गुलाल लगाते हैं।

होली का त्यौहार सिर्फ मस्ती का ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का भी उत्सव माना जाता हैं। ऐसे ही कुछ उपायों और टोटके ऐसे हैं, जिनकी आप अभी से तैयारी कर सकते हैं, इनके संबंध में मान्यता है कि इन्हें करने से धन और आरोग्य की प्राप्ति के साथ ही लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

Astrological Tips : ग्रह दोष के उपाय...

ज्योतिष के जानकारों के अनुसार होली के दिन सूर्य और चंद्र ग्रह एक-दूसरे के विपरीत होते हैं। ज्योतिष उपायों के लिए इन दोनों ग्रहों की यह स्थिति शुभ होती है। सूर्य ग्रह कुंभ या मीन राशि में स्थित होता है, अगर आप नवग्रह उपाय करना चाहते हैं तो होली की राख से शिवलिंग की पूजा करें।

इसके पहले इस राख को जल में मिलाकर स्नान भी करें, माना जाता है कि ऐसा करने से अगर आप नवग्रह दोष से पीड़ित हैं तो यह दूर हो जाएगा। इस शुभ अवसर आपको नवग्रह यंत्र की पूजा तथा नवग्रह मंत्र का जाप करने से भी फल मिलता है।

इस उपाय से मिलेगा धन...

धन पाने की सिद्धि के लिए आपको होली की रात चंद्रमा का स्मरण करना चाहिए। इसके तहत आप चंद्रमा को दूध का अर्घ्य दें और उन्हें सफेद मिष्ठान अथवा खीर का भोग लगाएं। चंद्रमा के बीज मंत्र “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः” का 108 बार जाप करें।

खीर अथवा दूध की मिठाई को प्रसाद के रूप में बच्चों में बांट दें। माना जाता है कि इस सरल उपाय से आपके जीवन में धन की कमी दूर हो जाएगी।

लंबे समय से रोग है और ठीक न हो...

अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से किसी रोग से पीड़ित है और वह उस रोग से मुक्ति चाहता है तो उसे होली की रात को तुलसी की माला के साथ एक विशेष मंत्र का 1008 बार जाप करना चाहिए।

मंत्र : “ॐ नमो भगवते रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा”।

मान्यता के अनुसार इस मंत्र के प्रभाव से उसे रोग से मुक्ति मिलेगी।

किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए...

अगर आप किसी इच्छा को पूरी करना चाहते हैं तो इस होली पर इस पूजा विधि का खास ख्याल रखिए। पूजा के लिए हल्दी की गांठ, उपले, फल और सब्जी की माला बनाकर उसे धारण करें। होलिका दहन से पहले होलिका की पूजा करें।

इसके बाद होलिका के चारों तरफ आठ दीये जलाएं और सभी सामग्री को होलिका के ऊपर अर्पण कर दें। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है।



Wednesday, March 10, 2021


 

Maha Shivratri Puja Vidhi

Fasting on Maha Shivratri is a very old tradition. Devotees take a holy dip in the river on Shivratri and visit a nearby Shiva temple for darshan and puja. The next day, an abhishek (bathing Shiva idols) is performed in temples. The abhishek is performed using different thimgs like milk, rose water, sandalwood paste, yogurt, honey, ghee, sugar and water. Devotees also pour a mix of all these items on the Shivling while chanting mantras.

Various items like the bilipatra and dhatura flowers and several kinds of fruits are offered. Devotees fast for the entire day; some do eat fruits and drink coconut water. Some devotees do nirjala upvaas or fast without even drinking water. 

Puja for Maha Shivratri is done in all the four prahars through the night. Prahar refers to the different times of the day. In India, a day is divided into ashta prahar or eight three-hour periods. 




 

Mahashivratri 2021 Greetings: Maha Shivratri will be celebrated all across the world by the Hindus on Thursday, March 11, 2021. The day that falls in the Phalguna month of the Hindu calendar signifies the defeat of ignorance and darkness. Maha Shivratri is one of the most important festivals for the Hindus and is dedicated to the worship of Lord Shiva and Goddess Parvati. Different legends describe the significance of Maha Shivaratri. This is the night when Shiva performs the heavenly dance of creation, preservation and destruction. The chanting of hymns, the reading of Shiva scriptures and the chorus of devotees joins this cosmic dance and remembers Shiva’s presence everywhere. There are other theories that say that On the night of Maha Shivratri, Shiva and Parvati got married. The legends of Mahashivratri come from different stories, one is how Shiva swallowed Halahala poison to save the world, another is that Mahashivratri is the anniversary of Lord Shiva and Goddess Parvati’s marriage. Devotees keep fast, chant prayers and keep an all-night vigil on Maha Shivratri.



Mahashivratri 2021 Wishes Shiv ki jyoti se noor milta hai, Sabke dil ko surur milta hai, Jo bhi jaata hai BHOLE ke dwaar, Kuchh na kuchh zarror milta hai, JAI BABA AMARNATH, Happy Mahashivratri to all of you.



Mahashivratri 2021 Quotes, Wishes, pics: Mahashivratri blessings to you and your family. May the almighty Lord Shiva bless you all with good things and perfect health.



Mahashivratri 2021 Whatsapp Status Images, Pics, Quotes: We wish you all a very Happy Mahashivratri. May Lord Shiva and Mata Parvati shower their blessings to everyone.  May this festival be a purposeful one to everybody.




Mahashivratri 2021 Whatsapp Status Images, Pics, Quotes: “Lokaha Samasthah Sukhino Bhavanto” – Oh Lord of the Lords grant peace & prosperity to the entire mankind. Show the correct and right path to each & every human being in this universe. Happy Mahashivratri!


Mahashivratri Mubark ho! Sabki Mahashivratri mangalmaye ho. Shiv Ki Shakti Shiv Ki Bhakti, Khushi Ki Bahar Mile Shivratrike Pavan Avsar Par, Apko Zindagi Ki Ek Acchhi Nai Suravat Mile, Happy Mahashivratri.

Om Tryambhakam Yajamahe, Sugandhim Pushtivardhanam | Urvarukamiva Bandhanan, Mrityor Mukshiya Maamritat || Om Namah Shivay! Happy Mahashivratri. Sara Jahan Hai Jiski Sharan Me, Naman Hai Us Shiv Ke Charan Me, Bane Us Shiv Ke Charano Ki Dhool,Aao Mil Kar Chadhaye Hum Shraddha Ke Phool. Happy Mahashivratri



May Lord Shiva shower his benign blessings on you and your family. May happiness and peace,Surround you with his eternal love and strength. Happy Mahashivratri. Shiv ki mahima aparampar! Shiv karte sabka udhar, Unki kripa aap par sada bani rahe, aur bhole shankar aapke jivan me khushi hi khushi bhar de. OM NAMAH SHIVAY. Happy Mahashivratri.

 


Vat Savitri Vrat 2024

प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मन्दिर (श्री शिव मंदिर  महंत/पुजारी:- श्री पप्पू बाबा(उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रीट घाट...