Friday, July 23, 2021


Happy Guru Purnima 2021:गुरु पूर्णिमा पर बन रहा है यह शुभ योग, जानें कब और कैसे करें पूजा 


 

इस साल 23 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. सनातन धर्म में इस तिथि को गंगा स्नान दान बेहद शुभ होता है.हमें दान जरूर करना चाहिए. आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को ही वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. तभी से गुरुओं के पूजन की परंपरा चली रही है.


  

गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है. माना जाता है कि हर व्यक्ति को अपने गुरू की पूजा करनी चाहिए. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस साल 23 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. सनातन धर्म में इस तिथि को गंगा स्नान दान बेहद शुभ होता है.हमें दान जरूर करना चाहिए. आषाढ़ पूर्णिमा तिथि को ही वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. तभी से गुरुओं के पूजन की परंपरा चली रही है. 



क्या है शुभ मुहूर्त
गुरू पूर्णिमा शुक्रवार 23 जुलाई 2021 को सुबह 10 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर 24 जुलाई शनिवार की सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक रहेगी.


पूजा
करने की विधि

-गुरु पूर्णिमा के दिन सबसे पहले स्नान कर लें
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इसके बाद अपने गुरू की पूजा की तैयारी करें
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अपने गुरू को फूल-माला, तांबूल, श्रीफल, रोली-मोली, जनेउ, सामथ्र्य के अनुसार दक्षिणा और पंचवस्त्र चढ़ाएं
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उसके बाद अपने गुरु के चरणों को धुलकर उसकी पूजा करें
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उन्हें अपने सामथ्र्य के अनुसार फल-फूल, मेवा, मिष्ठान और धन आदि देकर सम्मानित करें



बन रहे यह शुभ योग
इस साल गुरु पूर्णिमा पर विष्कुंभ योग बन रहा है. सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक प्रीति योग बन रहा है जो 25 जुलाई की सुबह 03 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. इसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा. यह दोनों ही योग एक साथ बनना शुभ माना जाता है. प्रीति और आयुष्मान योग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है. विष्कुंभ योग को वैदिक ज्योतिष में शुभ योगों में नहीं गिना जाता है.



Sawan 2021 : देवाधिदेव महादेव भगवान शिव का प्रिय मास सावन का आरंभ आयुष्मान योग में 25 जुलाई रविवार से शुरू हो रहा है। सावन महीना शुभ और विशेष संयोग के साथ 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त को खत्म होगा। हिन्दु धर्म में सावन महीने का खास महत्व है।

 


इस महीने में भगवान शंकर की पूजा हर्षोल्लास से की जाती है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखने और भगवान शंकर की पूजा करनेवाले जातक को मनवांछित जीवन साथी प्राप्त होता है और जीवन में सुख समृद्धि बढ़ती है। विवाहिताएं श्रावण मास के सोमवार को व्रत रखती हैं तो उन्हें भगवान शंकर सौभाग्य का वरदान देते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण माह में भगवान शिव की पूजा, महामृत्युंजय मंत्र जाप अभिषेक आदि से बाधा, रोग, शोक कर्ज से मुक्ति मिलती है।



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संक्रान्ति के अनुसार शुरू हो चुका है सावन महीना: आचार्य अंजनी कुूमार ठाकुर बताते हैं कि संक्रान्ति के अनुसार सौर मास संचालित होता है। जबकि पूर्णिमा के दृष्टिकोण से चन्द्रमास। इस गणना से सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश के अनुसार 17 जुलाई से ही सावन शुरू हो गया है। मिथिलांचल मतें संक्रान्ति से सौर मास की गणना होती है। इस अनुसार 18 जुलाई को पहली सोमवारी मिथिलांचल में मनायी गई। वहीं चन्द्रमास की गणना करें तो 25 जुलाई से सावन शुरू होगा। सौर मास के अनुसार इस बार पांच सोमवार जबकि चन्द्रमास के अनुसार चा सोमवार होगा। मंगलवार को देवशयनी बुधवार को वामन द्वादशी मनायी गई जबकि 24 को गुरु पूर्णिमा है।



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महादेव आते हैं ससुराल महादेव सावन में भूलोक पर अवतरित होकर अपने ससुराल गये थे वहां उनका स्वागत अर्ध्य और जलाभिषेक से किया गया था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक वर्ष सावन महीनें में भगवान शिव अपने ससुराल आते हैं। भूलोक वासियों के लिए शिव कृपा पाने का यह उत्तम समय होता है।

 


 

Guru Purnima 2021 : आषाढ़ गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई को, बन रहा है शुभ संयोग

 

Guru Purnima 2021 : आदि गुरु सह वेदों के रचयिता महर्षि वेद-व्यास का अवतरण आषाढ़ पूर्णिमा के दिन ही हुआ था। उन्होंने सभी पुराणों की भी रचना की है। इसलिए श्रद्धालुओं द्वारा इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रुप में मनाते हुए अपने-अपने गुरु की पूजा की जाती है। इस साल आषाढ़ पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई शनिवार को है।

 

इस दिन श्रद्धालु आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखने के साथ ही भक्त भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और सत्यनारायण कथा का पाठ या श्रवण करते हैं। हिन्दु पांचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा 23 जुलाई को सुबह 10:43 बजे से शुरू होगी जो 24 जुलाई की सुबह 8:06 तक रहेगी। उदया तिथि में पूर्णिमा मनाये जाने के कारण यह 24 जुलाई शनिवार को मनायी जायेगी।

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आषाढ़ पूर्णिमा पर सर्वाथ सिद्धि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन सर्वाथ सिद्धि और प्रीति योग का शुभ संयोग बन रहा है। उन्होंने बताया कि 24 जुलाई को सुबह 06:12 से प्रीति योग लगेगा जो कि 25 जुलाई के सुबह 03:16 तक रहेगा। इस दिन दोपहर 12:40 से अगले दिन 5:29 तक सर्वाथ सिद्धि योग रहेगा। ये दोनो योग शुभ कार्यो की सिद्धि के लिए उत्तम माने जाते हैं।

 

 



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