प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर(श्री शिव मन्दिर )
महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया
Dev Diwali 2024 date: देव दीपावली कौन-सी तारीख को है, इस दिन देवता क्यों मनाते हैं दिवाली?
Dev Deepawali kab hai 2024: दिवाली के लगभग 15 दिन बाद देव दीपावली मनाई जाती है. देव दीपावली के लिए भी घरों को दीपकों से रोशन कर उत्सव मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि देव दीपावली के दिन सभी देवता दिवाली मनाते हैं. आइए जानते हैं कि देव दीपावली 2024 में कब है.
दीपों का त्योहार दिवाली इस बार 31 अक्टूबर को पड़ रहा है. दिवली के बाद एक और प्रकाश का पर्व मनाया जाता है, जिसे देव दीपावली कहते हैं. देव दीपावली, दिवली के 15 दिन बाद मनाई जाती है. इस दिन को रोशनी का त्योहार माना जाता है. आइए जानते हैं कि इस साल देव दीपावली किस तारीख को है.
देव दीपावली क्यों मनाई गई? (Dev Deepawali kyu manate hai)
कार्तिक पूर्णिमा को देवता दीपावली मनाते हैं इसलिए इस विशेष दिवाली को देव दीपावाली कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामस राक्षस का वध किया था, जिसके बाद सभी देवताओं ने स्वर्गलोक में दीप जलाए थे. ऐसी मान्यता है कि त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवताओं ने स्वर्गलोक में दिवाली मनाई थी. तब से ही इस दिन देव दीपावली मनाने की शुरुआत हुई थी.
देव दीपावली कब है 2024 में? (Dev Deepawali 2024 Varanasi)
इस साल देव दीपावली 15 नवंबर को है. हिंदू पंचांग के अनुसार,कार्तिक पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी और 16 नवंबर को शाम 05 बजकर 10 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल देव दीपावली 15 नवंबर को मनाई जाएगी. देव दीपावली हमेशा दिवाली के 15 दिनों बाद मनाई जाती है. साथ ही, कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही कई जगहों पर तुलसी विवाह उत्सव भी मनाया जाता है. इसमें तुलसी जी का विवाह शालिग्राम भगवान से कराया जाता है.
देव दीपावली के दिन क्या किया जाता है?
देव दीपावली को देवताओं की दिवाली कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सभी देवता धरती पर रूप बदलकर आते हैं और दिवाली मनाते हैं, इसलिए इस दिन देवताओं के लिए दीये जलाने की परंपरा है. वाराणसी में देव दीपावली का विशेष महत्व है.
देव दीपावली के दिन वाराणसी में हर साल गंगा के तट पर लाखों दीपक जलाए जाते हैं. देव दिवाली पर पूरे वाराणसी यानी प्राचीन काशी में अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. इस दिन लोग मुख्य रूप से जलाशयों के पास दीपक जलाते हैं.
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