Sunday, July 28, 2024

Happy Sawan Dusra Somwar Everyone


Sawan Second Monday 2024: सावन का दूसरा सोमवार आज, अभी नोट कर लें पूजा सामग्री, विधि और शुभ मुहूर्त


Sawan Dusra Somwar 2024: 




श्रावण मास का सोमवार व्रत शिव पूजा के लिए विशेष महत्व वाला माना जाता है. पंचांग के अनुसार सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो गई है. धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार व्रत करने से व्यक्ति की मनचाही इच्छा पूरी होती है. आइए जानते हैं सावन के दूसरे सोमवार के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.



Sawan Somwar ki Puja Kaise
 Kare: 



श्रावण मास का सावन सोमवार व्रत भोलोनाथ की असीम कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए बेहद विशेष महत्व वाला माना जाता है. इस साल सावन की शुरुआत ही सोमवार से हुई थी और इसका समापन भी सोमवार के दिन ही होगा. इस बार श्रावण में 5 सावन सोमवार व्रत हैं, जिसकी वजह से भी सावन का महीना महत्वपूर्ण है. सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को था. अब दूसरा सावन सोमवार का व्रत आज रखा जाएगा. शिव पुराण के अनुसार, सावन का महीना शिव जी को सबसे प्रिय है. ऐसे में जो भक्त सावन में महादेव की पूजा करता है और सोमवार के दिन व्रत रखता है, उससे महादेव प्रसन्न होते हैं और उसे सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं.

धार्मिक मान्यता है कि सावन माह के सोमवार के दिन भगवान शिव की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति की हर मनचाही इच्छा पूरी होती है और भोलेनाथ की कृपा से उसकी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना देवों के देव महादेव को बेहद प्रिय है. ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त इस माह में सच्चे मन से शिव जी और माता पार्वती की पूजा और व्रत करता है, उसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और महादेव की कृपा बरसती है. सावन का दूसरा सोमवार व्रत 29 जुलाई 2024 यानी आज है.

सावन दूसरा सोमवार 2024 तिथि (Sawan dusra somwar 2024 tithi)


सावन मास का दूसरा सावन सोमवार व्रत 29 जुलाई यानी आज रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि 29 जुलाई के दिन सुबह से शुरू होकर लेकर शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है. उसके बाद से षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी.

सावन दूसरा सोमवार 2024 शुभ मुहूर्त (Sawan Dusra somwar shubh muhurat)

सावन के दूसरे सोमवार पर भरणी नक्षत्र- 29 जुलाई सुबह 10 बजकर 55 मिनट तक है, उसके बाद कृत्तिका नक्षत्र है.

सावन दूसरे सोमवार पर गण्ड योग- 29 जुलाई सुबह से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है, इसके बाद वृद्धि योग रहेगा.

सावन दूसरा सोमवार पर ब्रह्म मुहूर्त – 29 जुलाई सुबह काल 04 बजकर 17 मिनट से 04 बजकर 59 मिनट तक.

सावन दूसरा सोमवार अभिजीत मुहूर्त – 29 जुलाई दोपहर 11 बजकर 48 मिनट से बजे से 12 बजकर 42 तक.

सावन के दूसरे सोमवार के दिन कालसर्प दोष निवारण की पूजा राहुकाल में शिव मंदिर में करते हैं. सावन के दूसरे सोमवार पर राहुकाल 29 जुलाई सुबह 07 बजकर 23 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक है.

सावन दूसरा सोमवार रुद्राभिषेक समय (Sawan somwar rudrabhishek time)

सावन माह के किसी भी दिन या प्रत्येक दिन आप रुद्राभिषेक कर सकते हैं, क्योंकि सावन का हर दिन शिव पूजा के लिए समर्पित है. वैसे ही रुद्राभिषेक के दिन सावन सोमवार का दिन बहुत ही उत्तम दिन है. रुद्राभिषेक के लिए शिववास देखा जाता है. सावन के दूसरे सोमवार के दिन शिववास 29 जुलाई 2024 को सुबह से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक है.

सावन सोमवार पूजा सामग्री लिस्ट (Sawan Somwar puja samagri)

पंच फल, पंच मेवा, पुष्प, शुद्ध घी, गंगाजल, पंच रस, शहद, गाय का दूध, दही, कपूर, भांग, गन्ने का रस, धूप, दीप, माता पार्वती श्रृंगार सामग्री, चंदन, धतूरा, बेल पत्र, इत्र, जनेऊ, मौली, रोली, शक्कर, पवित्र जल, बेर, भांग, पंच मिष्ठान आदि.

सावन सोमवार पूजा विधि (Sawan Somwar Vrat Puja Vidhi)


सावन सोमवार के दिन सुबह उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहन लें.

इसके बाद मंदिर की सफाई कर गंगाजल के छिड़काव करें.

फिर शिवजी का दही, गंगाजल, दूध, घी और शक्कर आदि से रुद्राभिषेक करें.

इसके बाद उन्हें बेलपत्र, चंदन, अक्षत, फल आदि चीजें अर्पित करें.

फिर दीपक जलाकर आरती करें और शिव मंत्रों का जप करें.

इसके साथ ही शिव चालीसा का पाठ करना भी शुभ फलदायी होगा.

अंत में महादेव को सफेद मिठाई, हलवा, दही, पंचामृत, भांग का भोग लगाएं.

बाद में इस प्रसाद को सभा लोगों में वितरण करें.

सावन सोमवार पर क्या करना चाहिए?

सावन सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करें.

सावन महीने के दूसरे सोमवार पर स्नान-ध्यान के बाद, गंगाजल या कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें.

शिवजी की पूजा के दौरान ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें.

अगर श्रावण मास में पूरे महीने शिव पूजा न कर पाएं, तो सावन सोमवार पर भोलेनाथ का जलाभिषेक जरूर करें.

सावन सोमवार के दिन शिव मंत्रों का जाप करें और शिव चालीसा का पाठ करें.

अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और नवग्रह शांति के लिए सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक कराएं.

सावन सोमवार व्रत भगवान शिव मंत्र (Lord Shiv Mantra)



1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।

2. मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।


मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम: शिवाय ।।

3. नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ।।

4. शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।

श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम: शिवाय ।।

सावन सोमवार का महत्व

ऐसा कहा जाता है कि सावन सोमवार का व्रत करने से माता पार्वती को भगवान शिव पति रूप में मिले थे, इसलिए यह व्रत मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए अविवाहित महिलाओं द्वारा भी रखा जाता है. वहीं, विवाहित महिलाएं अपने खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं. सावन का महीना भगवान शिव को प्रिय माना जाता है और सावन के सभी सोमवार बहुत शुभ होते हैं. इस दिन पूर्ण श्रद्धा के साथ सोमवार का व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

   प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर
(श्री शिव मन्दिर ) 

 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

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Saturday, July 27, 2024

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आप सभी श्रद्धालु का बहुत बहुत स्वागत हैं मंदिर में 




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आप सभी भगतगणों को प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर(श्री शिव मन्दिर ) की तरफ से शनिवार  की हार्दिक शुभकामनाएँ





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Sunday, July 21, 2024

Sawan Somwar Vrat 2024


 Sawan Somwar Vrat 2024: सावन में 16 सोमवार का व्रत कैसे शुरू करें? पूजा विधि से उद्यापन तक, यहां जानें सारी डिटेल

Solah Somwar Vrat: अगर आपकी शादी में रुकावटें आ रही हैं और बात बनते-बनते बिगड़ जाती है, तो सावन के महीने से सोलह सोमवार के व्रत का शुरू कर सकती हैं. सावन में सोलह सोमवार का व्रत शुरू करने की सही विधि क्या है और 16 सोमवार व्रत के नियम क्या हैं, आइए विस्तार से जानते हैं.


Sawan Somvar Vrat Kaise Shuru Kare: हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का अपना विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि व्रत करने से भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है और मनोकामनाओं को पूर्ति होती है. इन्हीं व्रतों में से एक है सोलह सोमवार का व्रत. ज्योतिष मान्यता के अनुसार, अगर सोलह सोमवार व्रत सावन के सोमवार से शुरू किया जाता है, तो इसके दोगुने फल मिलते हैं. ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी की शादी में अड़चनें आ रही हैं या बात बनते-बनते बिगड़ जाती है, तो उसे सावन के महीने से विधि-विधान के साथ सोलह सोमवार का व्रत रखना चाहिए.

सोलह सोमवार का व्रत वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने और मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए रखा जाता है. 16 सोमवार व्रत को पुरुष और महिलाएं दोनों कर सकते हैं. सोलह सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव के साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता है.सोलह सोमवार व्रत को लेकर कई लोगों में कंफ्यूजन रहती है कि इसे कब से शुरू करना करना चाहिए. सोलह सोमवार की शुरुआत श्रावण मास में सबसे शुभ मानी गई है.

सावन का महीना हिंदू धर्म का पांचवां और सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है. शिव पुराण में सावन के सोमवार का विशेष महत्व बताया गया है. अगर आप इस सावन से सोलह सोमवार का व्रत शुरू करते हैं तो आपके विवाह में आने वाली हर बाधा दूर हो सकती है. यह व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ रखने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है और भगवान शिव की कृपा बनी रहती है.

ऐसे में अगर आप भी सावन सोमवार व्रत रखने वाले हैं, तो इसकी सही विधि भी जाननी जरूरी है जिससे इसके पूरे लाभ मिल सके. इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई यानी कल से हो रही है और इस दिन सोमवार है, जिसकी वजह से सावन का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा. अगर आप सावन से सोलह सोमवार के व्रत का संकल्प लेना चाहती हैं तो आपके लिए व्रत का आरंभ 22 जुलाई से करना ही शुभ होगा. आइए आपको बताते हैं सावन सोलह सोमवार व्रत की विधि, नियम और उद्यापन आदि के बारे में विस्तार से.

कैसे हुई सोलह सोमवार व्रत की शुरुआत?

शिवपुराण के अनुसार, जगत जननी देवी पार्वती ने सबसे पहले भगवान शिव को पति के रूप में पाने की कामना के लिए सोलह सोमवार का व्रत रखा था. जब माता सती ने दक्ष प्रजापति की पुत्री माता पार्वती के रूप में जन्म लिया, तब उन्होंने महादेव को हर जन्म में अपना पति बनाने का प्रण लिया. इसी प्रण की वजह से माता पार्वती ने सोलह सोमवार का कठिन व्रत रखा और घोर तप किया. माता पार्वती की इस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने सावन के महीने में ही अपनी पत्ती के रूप से स्वीकार किया. इस प्रकार 16 सोमवार व्रत रखने से माता पार्वती महादेव की अर्धांगिनी बनीं.

सोलह सोमवार व्रत कब से शुरू करना चाहिए?

 (when to start 16 somvar vrat in 2024)


वैसे तो सोलह सोमवार व्रत कार्तिक और मार्गशीर्ष माह में शुरू किया जाता है, लेकिन श्रावण माह में पड़ने वाले सोमवार से 16 सोमवार व्रत शुरू करना सबसे उत्तम माना गया है. इस माह से सोलह सोमवार का व्रत करना उत्तम होता है. ऐसे में इस साल सावन सोमवार का पहला सोमवार 22 जुलाई 2024 यानी कल पड़ रहा है. इस दिन से आप 16 सोमवार व्रत रखना शुरू कर सकते हैं.

सोलह सोमवार की पूजा कितने बजे करनी चाहिए? (Solah Somwar Vrat Puja time)


शिव पुराण के अनुसार सोलह सोमवार व्रत की पूजा दिन के तीसरे पहर में यानी कि 4 बजे के आस- पास शुरू करनी चाहिए. सूर्यास्त से पहले पूजन संपूर्ण हो जाना चाहिए. ग्रंथों के अनुसार शिव पूजा प्रदोष काल में पुण्यफलदायी होती है.

सोलह सोमवार के व्रत क्या पूजा सामग्री लगती है? (16 Somvar Vrat puja samagri)

  • भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग
  • गंगा जल
  • दूध,दही, घी
  • शहद और चीनी
  • सफेद चंदन
  • पुष्प, फूल माला
  • अक्षत
  • बेलपत्र
  • धतूरा
  • भांग
  • धूप, दीप
  • अगरबत्ती
  • फल, मिठाई

16 सोमवार व्रत की विधि क्या है? (Solah somvar vrat vidhi)

  • सावन के पहले सोमवार को सूर्योदय से पहले उठकर नहाने के पानी में काले तिल डालकर स्नान करें.
  • स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और शिवजी के सामने व्रत का संकल्प लें. संकल्प लेने के बाद, सावन के हर सोमवार से लेकर पूरे 16 सोमवार तक व्रत रखें.
  • सोलह सोमवार व्रत की पूजा प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है. ऐसे में पूजा सूर्यास्त से पहले ही पूरी कर लेनी चाहिए.
  • अगर आप घर पर पूजा कर रहे हैं तो सबसे पहले शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें.
  • फिर ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए पंचामृत चढ़ाएं. फिर जल और गंगाजल से स्नान करें.
  • इसके बाद शिवलिंग पर सफेद चंदन, बेलपत्र, धतूरा और भांग आदि अर्पित करें.
  • फिर शिवजी के सामने धूप-दीप जलाएं और फल या खीर का भोग लगाएं.
  • भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा जरूर करें. मां गौरी को श्रृंगार का सामना अर्पित करें.
  • इसके बाद शिव चालीसा और शिव पुराण का पाठ करें. फिर नैवेद्य अर्पित करें और अंत में आरती करें.
  • सावन 16 सोमवार व्रत का महत्व (16 Somvar Vrat Significance)


हिंदू धर्म शास्त्रों में सोमवार को भगवान शिव का दिन कहा जाता है. इस दिन, भक्त भगवान से आशीर्वाद और उनकी कृपा पाने के लिए सभी भक्त शिव मंदिरों में या फिर घर पर ही उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. भगवान शिव भक्तों द्वारा एक जल लोटे से ही प्रसन्न हो जाते हैं और उनके जीवन से बड़ी-बड़ी कठिनाइयों को दूर देते हैं.

कुंवारी कन्याएं भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 16 सोमवार का व्रत रखती हैं, जिससे उन्हें शिवजी जैसा जीवनसाथी मिल सके. साथ ही जिन लड़कियों की शादी में देरी हो रही है, उन्हें भी यह व्रत रखना चाहिए. यह व्रत सावन के पहले सोमवार से शुरू होता है, जो 16 सप्ताह तक चलता है. इन दिनों में लोग सोमवार का व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और कथा सुनते हैं.

सोलह सोमवार व्रत भगवान शिव की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से व्रती के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है. यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याओं के लिए शुभ फलदायी माना गया है.

16 सोमवार व्रत को करने से विवाह में आने वाली बाधाओं से छुटकारा मिलता है. शादीशुदा महिलाओं के बीच भी यह व्रत बेहद लोकप्रिय है, जो इसे अपने परिवार की सुख-शांति और कल्याण के लिए रखती हैं. ऐसी कहा जाता है कि इस व्रत को करने से अविवाहित लड़कियों को योग्य वर प्राप्त होता है और विवाहित महिलाओं के पति को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है.

सोलह सोमवार व्रत के नियम (16 somvar vrat niyam)

  • 16 सोमवार व्रत के दौरान क्रोध, ईर्ष्या, द्वेष आदि नकारात्मक भावनाओं से खुद को दूर रखना चाहिए.
  • इस व्रत के दौरान झूठ, चोरी और अन्य अनैतिक कार्यों को करने से बचना चाहिए.
  • सोलह सोमवार व्रत के दौरान ज्यादा से ज्यादा भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए और उनकी कथा सुननी चाहिए.
  • सोलह सोमवार व्रत बहुत ही कठिन माना जाता है, इसलिए व्रत करने वाले 16 सोमवार व्रत का संकल्प लेकर उसे जरूर पूरा करें.
  • सोलह सोमवार व्रत बीच में नहीं छोड़ना चाहिए अन्यथा सभी व्रत व्यर्थ चले जाते हैं.
  • सोलह सोमवार व्रती पूजा करने के बाद पूजा के स्थान पर बैठकर प्रसाद ग्रहण करें. पूजा के बीच में उठना शुभ नहीं होता है.
  • इस व्रत का पालन करने को सात्विक चीजें ही ग्रहण करनी चाहिए. सोमवार के दिन भूल से भी घर में तामसिक भोजन न बनाएं.

16 सोमवार का व्रत करने के लाभ (Sawan 16 Somvar Vrat benefits)

    • धार्मिक मान्यता है कि सोलह सोमवार व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही भगवान शिव की कृपा से जीवन की हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है.
    • सोलह सोमवार व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. वहीं, अविवाहित लड़कियों को योग्य वर मिलता है.
    • सोलह सोमवार व्रत के दौरान भगवान शिव की पूजा और उनकी कथा सुनने से आध्यात्मिक उन्नति के साथ ही मन को शांति और स्थिरता मिलती है.
    • ऐसा माना जाता है कि सावन से सोलह सोमवार का व्रत शुरू करने से कुंवारी लड़कियों को अच्छा, मनचाहा वर मिलता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

16 सोमवार व्रत का उद्यापन कैसे करें?

    16 सोमवार व्रत करने के बाद उसका उद्यापन करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है, तभी ये व्रत संपूर्ण माने जाते हैं. 16 सोमवार व्र करने के बाद 17वें सोमवार के दिन 16 जोड़ों यानी 16 स्त्री-पुरुष को भोजन कराएं और उनको दक्षिणा दें. अगर ऐसा संभव न हो तो आप 16 कन्याओं को भी भोजन करा सकते हैं या फिर ब्राह्मण को भोजन कराकर दक्षिणा देनी चाहिए. 16 सोमवार व्रत का उद्यापान करने के लिए गेहूं के आटे से बने चूरमे का भोग इस्तेमाल किया जाता है.

हर हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍🙏🕉️🙏

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    Saturday, July 20, 2024

    Happy Guru Purnima 2024

    Happy Guru Purnima 2024गुरु पूर्णिमा का भारतीय संस्कृति और परंपराओं में अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने का विशेष अवसर होता है। इस दिन गुरु को धन्यवाद देने के साथ-साथ उनके आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस अवसर पर गुरु साधना और ध्यान करते हैं, उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है। वहीं इस तिथि पर दान-पुण्य और गंगा स्नान करना भी बहुत शुभ माना जाता है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार अपनी राशि के अनुसार दान करने से पुण्य के फलों में वृद्धि होती है। 


    GuruGuru Purnima 2024 Upay: गु पूर्णिमा पर अपनी राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, सुख 

    और सफलता की होगी प्राप्ति

    Guru Purnima 2024 Upay: गुरु पूर्णिमा पर अपनी राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, सुख और सफलता की होगी प्राप्ति

       मेष-


    मेष राशि के जातकों को इस गुरु पूर्णिमा पर लाल वस्त्र, तांबे के बर्तन और गुड़ का दान करना चाहिए। इससे उन्हें शारीरिक और मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होगी और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।                                    

      वृषभ-


    वृषभ राशि के लोग इस दिन सफेद वस्त्र, चावल, दही और मिश्री का दान करें। यह दान उनके जीवन में शांति और समृद्धि लाएगा। इसके साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।                                      

     मिथुन-


    मिथुन राशि के जातकों को पुस्तकें, हरे रंग की वस्तुएं और हरे मूंग का दान करना चाहिए। इससे उनकी बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी और वे नए अवसरों का लाभ उठा सकेंगे।      

     कर्क-


    कर्क राशि के लोग दूध, चांदी की वस्तुएं और सफेद कपड़े का दान करें। यह दान उनके परिवारिक जीवन में सुख-शांति लाएगा और उनकी भावनात्मक स्थिति को भी मजबूत करेगा।                                    

     सिंह-


    सिंह राशि के जातकों को इस गुरु पूर्णिमा पर सोने की वस्तुएं, गेहूं और पीले वस्त्र का दान करना चाहिए। इससे उनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी और वे अपने जीवन में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करेंगे।          

      कन्या-


    इस राशि के लोग हरी सब्जियां, अनाज और पुस्तकें दान करें। यह दान उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार लाएगा और उन्हें ज्ञान का लाभ मिलेगा।      

      तुला-


    तुला राशि के जातकों को इस दिन सुगंधित द्रव्य, सफेद वस्त्र और शक्कर का दान करना चाहिए। इससे उनके जीवन में सामंजस्य और सौहार्द्र बढ़ेगा और उनके संबंध मजबूत होंगे।   

    वृश्चिक-


    इस राशि के लोग लाल मसूर, तांबे की वस्तुएं और रक्तदान करें। यह दान उनकी मानसिक शांति और शक्ति को बढ़ाएगा।                                     

    धनु-


    धनु राशि के जातकों को इस गुरु पूर्णिमा पर पीले वस्त्र, हल्दी और घी का दान करना चाहिए। इससे उनके जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ेगी और वे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफल होंगे।                              

    मकर-


    मकर राशि के लोग लोहे की वस्तुएं, काले तिल और कंबल का दान करें। यह दान उनकी कठिनाइयों को कम करेगा और उन्हें मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करेगा।      

     मीन-


    मीन राशि के लोग इस गुरु पूर्णिमा पर पीले फूल, हल्दी और गुड़ का दान करें। यह दान उनकी आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होगा और उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा।         
      कुंभ-


    कुंभ राशि के जातकों को इस दिन नीले वस्त्र, तांबे की वस्तुएं और जल का दान करना चाहिए। इससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे और वे मानसिक शांति प्राप्त करेंगे।

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    स दिन नीले वस्त्र, तांबे की वस्तुएं और जल का दान करना चाहिए। इससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे और वे मानसिक शांति प्राप्त करेंगे। Pur 2024 Upayरु पूर्णिमा पर अपनी राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, सुख और सफलता की होगी प्राप्ति

     

    Sunday, July 14, 2024

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     महादेव से मनचाहा वरदान पाने के लिए सोमवार को कैसे करें शिवलिंग की पूजा


    हिंदू धर्म में कल्याण के देवता माने जाने वाले भगवान शिव की पूजा के लिए जिस सोमवार के दिन को सबसे ज्यादा शुभ माना गया है, उसमें उनकी पूजा का सरल एवं अचूक उपाय जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

    Shiv Ji Puja Ke Upayसनातन परंपरा में देवों के देव कहलाने वाले भगवान शिव की पूजा सभी दु:खों को दूर करके सुख-सौभाग्य को दिलाने वाली माना गई है. मान्यता है कि औढरदानी भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित सोमवार के दिन विधि-विधान से पूजा करने पर भोले शंकर शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. यही कारण है कि देश तथा विदेश के तमाम शिवालयाें में सोमवार के दिन भोले के भक्तों का तांता लगा रहता है. आइए सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए किए जाने वाले उपाय एवं नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं.

    कब करें शिव की पूजा

    सनातन परंपरा में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की वर्षा करने वाले भोले शंकर की पूजा आप कभी भी किसी समय कर सकते हैं, लेकिन प्रदोष काल में उनकी पूजा शीघ्र ही फलदायी और पुण्यदायी मानी गई है. ऐसे में आज प्रदोष काल में जो कि प्रतिदिन शाम के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है, उसमें विधि-विधान से जरूर पूजा करें.

    किस शिवलिंग की करें पूजा

    हिंदू धर्म में अलग-अलग शिवलिंग की पूजा का अलग-अलग फल बताया गया है. जैसे पारे से बने शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि जहां उनकी पूजा होती है, वहां पर धन की देवी मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर साक्षात विराजमान रहते हैं और शिव कृपा से साधक का घर धन-धान्य से भरा रहता है. काले पत्थर से बना शिवलिंग सभी कामनाओं को पूरा करने वाला और पार्थिव यानि शुद्ध मिट्टी से बना शिवलिंग सभी सिद्धियों को प्रदान करने वाला माना गया है.

    कैसे करें शिवलिंग की पूजा

    सोमवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद शिवलिंग पर सबसे पहले तांबे के लोटे से गंगा जल या फिर शुद्ध जल चढ़ाएं. इसके बाद भगवान शिव को गाय के कच्चे दूध से अभिषेक करें और उसके बाद एक बार फिर शुद्ध जल से स्नान कराएंं.इसके बाद भगवान भोले नाथ को सफेद चंदन और भस्म से तिलक लगाकर सफेद पुष्प, धतूरा, बेलपत्र, शमीपत्र आदि चढ़ाएं. इसके बाद रुद्राक्ष की माला से शिव मंत्र का जप और उसके बाद दीपक जलाकर आरती करें. पूजा के अंत में शिवलिंग की शिवलिंग की आधी परिक्रमा ही करें और पूजा में की गई भूल-चूक के लिए माफी मांगते हुए अपनी मनोकामना महादेव के चरणों में अर्पण करें.

    हर हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍🙏🕉️🙏

     प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर
    (श्री शिव मन्दिर ) 
     महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

     Contact Me 9931401848/7274887378 Everyone 

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    Sunday, July 7, 2024

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    प्रतिदिन करें भगवान शिव के ये 4 बीज मंत्र का जाप, जीवन में बनी रहेगी सुख- समृद्धि, आरोग् की होगी प्राप्ति

    Lord Shiva Mantra: हिंदू धर्म में धर्म में सबसे अधिक पूजे जाने वाले देवता भोलेनाथ माने जाते हैं। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान शिव के 4 बीज मंत्र...


    भगवान शिव के 5 बीज मंत्र, दिलाएंगे हर समस्या से छुटकारा, आप भी रहेंगे रोग मुक्त 

    Lord Shiva Mantra: हिंदू धर्म में भगवान शिव की सबसे अधिक पूजा की जाती है। वहीं मान्यता है कि भगवान शिव थोड़ी सी पूजा से ही खुश हो जाते हैं। मतलब अगर कोई भक्त सच्चे मन से शिवलिंग पर एक लोटा जल ही चढ़ा दे तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं नवग्रहों पर भगवान शिव का आधिपत्य माना जाता है। मतलब अगर कोई व्यक्ति भगवान शिव की पूजा करें तो उसके नवग्रह भी अनुकूल हो जाते हैं। ऐसे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि अगर आप भगवान शिव के 4 प्रभावशाली बीज मंत्र के बारे में, कि अगर आप रोज इन बीज मंत्र का जाप करें तो आपके जीवन में सुख- समृद्धि का वास रहेगा। साथ ही आरोग्य की भी प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं इन बीज मंत्र के बारे में…

    शरीर रहेगा रोग मुक्त

    शिव पुराण के अनुसार ॐ नमः शिवाय भगवान शिव का प्रभावशाली मंत्र माना जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति प्रतिदिन इस मंत्र का 108 बार जप करता है तो ऐसा करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

    सभी मनोरथ होंगे पूर्ण

    शास्त्रों के अनुसार ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः भोलेनाथ का ये मंत्र रुद्र मंत्र है। इस मंत्र के प्रतिदिन जाप से व्यक्ति के हर मनोरथ पूर्ण होते हैं। साथ ही इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि ये आपकी हर इच्छा भगवान शिव तक पहुंचाती है।

    लंबी आयु की होगी प्राप्ति

    महाकाल का का महामृत्युंजय मंत्र ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् || इसको बेहद प्रभावशाली माना जाता है। इस मंत्र में बहुत शक्ति है। मतलब अगर कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार है तो इस मंत्र का उसे जाप करना चाहिए। वहीं इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।

    हर हर महादेव  🕉️ नमः शिवाय 

    आर्थिक स्थिति रहती है मजबूत

    भगवान शिव का का गायत्री मंत्र ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहितन्नो रुद्रः प्रचोदयात्! बेहद शक्तिशाली माना गया है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र अनुसार जो व्यक्ति रोग इस मंत्र का जाप करता है उसे सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है उसके जावन में शांति बनी रहती है। वही आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है।

    धन्यवाद

    हर हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍🙏🕉️🙏

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    मां अन्नपूर्णा की कृपा के लिए करें ये काम, कभी खाली नहीं होंगे अन्न के भंडार

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