Thursday, October 27, 2022

आप सभी को श्री छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं

प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मन्दिर (श्री शिव मन्दिर)  



आपसभी भगतगणो को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं महंत/पुजारी:- श्री पप्पू बाबा(उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रीट घाट पटना बिहार इंडिया 

छठ पूजा: समय, तिथि और अनुष्ठान

नहाई खाई - 28 अक्टूबर (सुबह 06:42 बजे सूर्योदय; शाम 06:04 बजे सूर्यास्त)

चार दिनों तक चलने वाले इस उत्सव की शुरुआत 'नहाई खाई' की रस्म से होती है।  भक्त अपने घरों को साफ करते हैं और एक जल निकाय में पवित्र डुबकी लगाते हैं, अधिमानतः गंगा नदी में।  छठ व्रत करने वाली महिलाएं इस दिन सिर्फ एक बार भोजन करती हैं।  

खरना - 29 अक्टूबर (सुबह 06:43 बजे सूर्योदय, शाम 06:04 बजे सूर्यास्त)

दूसरे दिन को खरना कहा जाता है जब पूरा परिवार सूर्य देव की पूजा करता है।  महिलाएं भी इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना पानी की एक बूंद पिए उपवास करती हैं।

छठ पूजा - 30 अक्टूबर (सुबह 06:43 बजे सूर्योदय; 

शाम 06:03 बजे सूर्यास्त) तीसरे दिन लोग छठ पूजा करते हैं।  छठ पूजा के अवसर पर महिलाएं पूरे दिन बिना पानी पिए व्रत रखती हैं।

उषा अर्घ्य - 31 अक्टूबर (सुबह 06:44 बजे सूर्योदय; शाम 06:02 बजे सूर्यास्त)

 छठ पूजा चौथे दिन समाप्त होती है जिसे उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है।  इस दिन, विश्वासी सूर्योदय से पहले पानी में खड़े होते हैं और सूर्य भगवान को प्रसाद चढ़ाते हैं।  छठ पूजा बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

आयोजन के दौरान किन देवताओं की पूजा की जाती है?

 छठ पूजा के दौरान, भक्त सूर्य देव (भगवान सूर्य) और छठी मैया से उनकी समृद्धि और कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं।


 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मन्दिर (श्री शिव मन्दिर) आपसभी भगतगणो को चित्र गुप्त पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं महंत/पुजारी:- श्री पप्पू बाबा(उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रीट घाट पटना बिहार इंडिया





Chitragupta Puja 2022 Date: 

दिवाली के दूसरे दिन यानि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा का आयोजन होता है. चित्रगुप्त पूजा भी दो दिन आज 26 अक्टूबर और कल 27 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. यहां जानें सही तारीख और मुहूर्त।



  Chitragupta Puja 2022 Date: दिवाली के दूसरे दिन यानि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा का आयोजन होता है. इस साल धनतेरस और भाई दूज की तरह ही चित्रगुप्त पूजा की तारीख पर भी लोगों में असमंजस की स्थिति दिख रही है. चित्रगुप्त पूजा भी दो दिन आज 26 अक्टूबर और कल 27 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, चित्रगुप्त पूजा हमेशा द्वितीया तिथि को मनाते हैं, जो यम द्वितीया के नाम से भी प्रचलित है. यम द्वितीया या भाई दूज के दिन ही चित्रगुप्त पूजा करने का विधान है. ऐसे में पंचांग के आधार पर उदयातिथि को देखते हुए चित्रगुप्त पूजा 27 अक्टूबर को करना श्रेष्ठ रहेगा. आइए जानते हैं चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त और तिथि. व।चित्रगुप्त पूजा 2022 सही तारीख

 काशी विश्वनाथ ऋषिकेश पंचांग के आधार पर कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 03:35 बजे से शुरू हो रही है. यह तिथि 27 अक्टूबर गुरुवार को दोपहर 02:12 बजे समाप्त होगी. उदयाति​​थि की मान्यता के अनुसार, चित्रगुप्त पूजा 27 अक्टूबर को मनाया जाना शास्त्र सम्मत है. चित्रगुप्त पूजा मुहूर्त 2022

 आयुष्मान योग: प्रात:काल से सुबह 07:27 बजे तकसौभाग्य योग: सुबह 07:27 बजे से 28 अक्टूबर को प्रात: 04:33 बजे तकसर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 12:11 बजे से लेकर 28 अक्टूबर को सुबह 06:30 बजे तकअभिजित मुहूर्त: सुबह 11:42 बजे से दोपहर 12:27 बजे तकराहुकाल: दोहपर 01:29 बजे से दोपहर 02:52 बजे तक


 चित्रगुप्त पूजा के दिन भद्रा का साया नहीं है, इसलिए आप राहुकाल को छोड़कर इन सभी शुभ योग और मुहूर्त में चित्रगुप्त पूजा कर सकते हैं।


चित्रगुप्त पूजा 2022 दिन-रात के शुभ समय

 लाभ-उन्नति: सुबह 06:29 बजे से सुबह 07:53 बजे तकअमृत-सर्वोत्तम: सुबह 07:53 बजे से सुबह 09:17 बजे तकशुभ-उत्तम: सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:05 बजे तकलाभ-उन्नति: शाम 04:17 बजे से शाम 05:41 बजे तकशुभ-उत्तम: शाम 07:17 बजे से रात 08:53 बजे तकअमृत-सर्वोत्तम: रात 08:53 बजे से रात 10:29 बजे तक चित्रगुप्त पूजा का महत्व

 सभी मनुष्यों के कर्म फल का लेखा-जोखा रखने का कार्य चित्रगुप्त करते हैं. लेखा-जोखा कार्य कलम के माध्यम से होता है, इसलिए चित्रगुप्त पूजा के दिन कलम और दवात की पूजा की जाती है. कायस्थ समाज इस दिन चित्रगुप्त, लेखनी, बहीखाता आदि की पूजा करता है. चित्रगुप्त के आशीर्वाद से बुद्धि, वाणी के साथ बिजनेस में तरक्की होती है. चित्रगुप्त पूजा के दिन लेखन कार्य नहीं करते हैं

Friday, October 21, 2022

शुभ धनतेरस

 धनतेरस 2022:- 27 साल बाद धनतेरस का मान दो दिन तक है।

प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मंदिर) 


 सभी भक्तगणों को धनतेरस पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं 🕉  PLEASE CONTACT ME 

महंत/पुजारी :- श्री पप्पू बाबा (उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रियट घाट

 

धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआज होगी। इस बार धनतेरस दो दिन का होने जा रहा है।


धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआज होगी। इस बार धनतेरस दो दिन का होने जा रही है, जिसके लिए बाजार भी तैयार हैं। धातु के सामान व बर्तन खरीदने की परंपरा के चलते बर्तन और सोने चांदी की दुकानों पर सजावट की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। 27 साल बाद धनतेरस का मान दो दिन तक रहेगा। हालांकि मूल रूप से धनतेरस 23 अक्टूबर की ही रहेगी।

Diwali Dhanteras: धनतेरस पर शाम सवा 5 बजे से खरीदारी का योग, दिवाली चौघड़िया पूजन मुहूर्त भी जान लें।

 


इस वर्ष कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी 22 और 23 अक्टूबर दो दिन प्रदोष व्यापिनी है। इन दोनों दिन प्रदोषकाल लगभग शाम 5.45 से रात्रि 8.20 बजे तक रहेगा। वहीं दूसरे दिन 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि प्रदोषकाल को अपेक्षाकृत बहुत कम समय के लिए व्याप्त कर रही है। परन्तु यदि दोनों दिन त्रयोदशी प्रदोष व्यापिनी हो तो दूसरे दिन ही मान्य होगी। ऐसे में पहले दिन रात में और दूसरे दिन दिनभर खरीदारी होगी। उदया तिथि के मान के अनुरूप 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाई जाएगी।


 त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर को शाम 6:02 बजे होगी और समापन 23 अक्टूबर को शाम 6:03 बजे होगा। 23 अक्टूबर को शाम 6:04 बजे से चतुर्दशी तिथि शुरू होगी और 24 अक्टूबर तक शाम 5:28 तक रहेगी। उदया तिथि अनुसार 24 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी है और हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी।



घी का दीपक जलाएं, प्रसाद निवेदित करें

23 अक्टूबर 2022 को धनतेरस मनाना श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन उदयव्यापिनी त्रयोदशी तिथि पूरे दिन व्याप्त रहेंगी, जो की प्रदोषकाल में शाम 6.03 बजे समाप्त होगी। धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्मदिवस भी होता है, इसलिए धनतेरस को 'धन्वन्तरि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वन्तरि जी को घी का दीपक और प्रसाद निवेदित करना चाहिए। इस दिन धनवंतरि की पूजा, मां लक्ष्मी और कुबेर का पूजन और सोना, चांदी, बर्तन घरेलू सामान की खरीदारी करना शुभ है। 23 अक्टूबर को प्रदोष व्रत होगा और शनि भी मार्गी हो रहे हैं, जो कई राशियों के जीवन में, धन, संपत्ति, समृद्धि लाएंगे।

निम्न मंत्र ग्यारह बार बोलना चाहिए:

'आयुर्वेद साक्षी - करुणाश्री भगवन आगच्छ सत्वरा धन्वन्तरि त्वं सदा अल्पायु जरा-रोग, दीपावली 24 अक्टूबर को मनेगी।

दीपावली का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2022 में कार्तिक अमावस्या की तिथि 24 अक्टूबर, सोमवार के दिन दीपावली मनाई जाएगी। यह पर्व सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक है। दीपावली के पर्व पर मां लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है। श्रीमहालक्ष्मी पूजन एवं दीपावली का महापर्व कार्तिक अमावस्या में प्रदोष काल एवं अर्द्धरात्रि व्यापिनी हो, तो विशेष रूप से शुभ होती है। लक्ष्मी पूजन, दीपदानादि के लिए प्रद्येषकाल ही विशेषतः प्रशस्त माना गया है। 24 अक्टूबर को शाम 5.27 बजे के बाद प्रदोष, निशीथ तथा महानिशीथ व्यापिनी होगी। अत: दीपावली पर्व 24 अक्टूबर की मनेगी। इसके बाद शाम को 5.27 बजे से अमावस्या तिथि प्रारम्भ हो जाएगी जो 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4.18 बजे तक रहेगी

Sunday, October 16, 2022

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 🕉जय भोले नाथ 🕉 हर हर महादेव 🌍

प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मंदिर)


सभी भक्तगणों को सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएं जय महदेव 🕉





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महंत/पुजारी :- श्री पप्पू बाबा (उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रियट घाट

 



मां अन्नपूर्णा की कृपा के लिए करें ये काम, कभी खाली नहीं होंगे अन्न के भंडार

     हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ 🙏🕉️🙏🌍  प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर )   महंत जी :- श्री पप्पू बाबा ...