Wednesday, December 4, 2024

मां अन्नपूर्णा की कृपा के लिए करें ये काम, कभी खाली नहीं होंगे अन्न के भंडार

    


हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

 Contact Me 9931401848/7274887378 Everyone

मां अन्नपूर्णा की कृपा के लिए करें ये काम, कभी खाली नहीं होंगे अन्न के भंडार

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि पर अन्नपूर्णा जयंती (Annapurna Jayanti 2024) मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस तिथि पर माता पार्वती ने मां अन्नपूर्णा का रूप धारण किया था और संसार को अन्न की कमी से बचाया था। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आप मां अन्नपूर्णा की कृपा प्राप्ति के लिए कौन-से कार्य कर सकते हैं।

हिन्दू धर्म में मां अन्नपूर्णा को संसार की भरण-पोषण की देवी के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि अन्नपूर्णा देवी की कृपा से साधक के अन्न के भंडार सदा भरे रहते हैं। इसी के साथ रसोई घर में भी मां अन्नपूर्णा का वास माना जाता है। तो चलिए जानते हैं कि ऐसे कौन-से कार्य हैं, जिन्हें आप अपने रसोई घर में करके माता अन्नपूर्णा की कृपा की प्राप्ति कर सकते हैं।

अन्नपूर्णा जयंती मुहूर्त (Annapurna Jayanti Shubh Muhurat)


साल 2024 में मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 14 दिसंबर को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है। साथ ही, इस तिथि का समापन 15 दिसंबर को दोपहर 01 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, अन्नपूर्णा जयंती रविवार, 15 दिसंबर को मनाई जाएगी।

दिसंबर महीने में इतने दिन बजेगी शहनाइयां, नोट करें शुभ मुहूर्त एवं तिथि

    


हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

 Contact Me 9931401848/7274887378 Everyone

दिसंबर महीने में इतने दिन बजेगी शहनाइयां, नोट करें शुभ मुहूर्त एवं तिथि

 दिसंबर महीने में कुल मिलाकर 8 दिन विवाह मुहूर्त (December 2024 Wedding Dates) है। अगहन महीने की एकादशी एवं त्रयोदशी तिथि विवाह के लिए उत्तम है। एकादशी और त्रयोदशी तिथि पर विवाह करने की सलाह देते हैं। हालांकि विवाह से पूर्व कुंडली मिलान अवश्य करा लें। इस महीने में आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे।


  1. अगहन का महीना भगवान कृष्ण को समर्पित है।
  2. इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है।
  3. अगहन महीने में विवाह करना बेहद शुभ होता है।
December 2024 Vivah Muhurat: वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव संग मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाएगी। आत्मा के कारक सूर्य देव 15 दिसंबर को राशि परिवर्तन करेंगे। वर्तमान समय में सूर्य देव वृश्चिक राशि में विराजमान हैं। वहीं, 15 दिसंबर को धनु राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव के धनु और मीन राशि में रहने के दौरान खरमास लगता है। खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसके लिए दिसंबर महीने में 14 दिसंबर तक विवाह का लग्न मुहूर्त है। आइए, दिसंबर महीने में विवाह मुहूर्त की तिथियां जानते हैं-

कब लगेगा खरमास?

ज्योतिषियों की मानें तो 15 दिसंबर को आत्मा के कारक सूर्य देव धनु राशि में गोचर करेंगे। अतः 15 दिसंबर से खरमास लगेगा। इस राशि में सूर्य देव 30 दिनों तक रहेंगे। इसके बाद धनु राशि से निकलकर मकर राशि में गोचर करेंगे। मकर राशि में सूर्य देव के गोचर करने के साथ ही खरमास समाप्त होगा। खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। सूर्य देव 14 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 55 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। इस दिन मकर संक्रांति है।

दिसंबर माह विवाह मुहूर्त

  • 5 दिसंबर को विवाह मुहूर्त है। 5 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी एवं पंचमी तिथि है। इस शुभ अवसर पर विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। विनायक चतुर्थी विवाह के लिए शुभ दिन है। इस दिन उत्तराषाढा और श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही वृद्धि एवं ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। कुल मिलाकर कहें तो 5 दिसंबर का दिन विवाह के लिए उत्तम है।
  • 10 दिसंबर को विवाह मुहूर्त है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 10 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। इसके अगले दिन एकादशी है। इस दिन उत्तर भाद्रपद और रेवती नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। कुल मिलाकर कहें तो 10 दिसंबर का दिन विवाह के लिए उत्तम है।
  • 11 दिसंबर को विवाह मुहूर्त है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 11 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी है। यह पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। शादी के लिए एकादशी तिथि उत्तम मानी जाती है। इस दिन रेवती और अश्विन नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही रवि योग का संयोग बन रहा है। 11 दिसंबर का दिन विवाह के लिए श्रेष्ठकर है।
  • 13 दिसंबर को विवाह मुहूर्त है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 13 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस शुभ अवसर पर प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि पर विवाह करना उत्तम होता है। इस दिन शिव एवं सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। 13 दिसंबर का दिन विवाह के लिए उत्तम है।
  • 14 दिसंबर को विवाह मुहूर्त है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 14 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। दिसंबर महीने में चतुर्दशी तिथि पर विवाह मुहूर्त है। यह दिसंबर महीने का अंतिम विवाह मुहूर्त है। इस दिन सिद्ध एवं साध्य योग का संयोग बन रहा है।

दिसंबर महीने में इतने दिन बजेगी शहनाइयां, नोट करें शुभ मुहूर्त एवं तिथि

   


हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

 Contact Me 9931401848/7274887378 Everyone

दिसंबर महीने में इतने दिन बजेगी शहनाइयां, नोट करें शुभ मुहूर्त एवं तिथि

दिसंबर महीने में कुल मिलाकर 8 दिन विवाह मुहूर्त (December 2024 Wedding Dates) है। अगहन महीने की एकादशी एवं त्रयोदशी तिथि विवाह के लिए उत्तम है।  एकादशी और त्रयोदशी तिथि पर विवाह करने की सलाह देते हैं। हालांकि विवाह से पूर्व कुंडली मिलान अवश्य करा लें। इस महीने में आत्मा के कारक सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे।


गुरुवार के दिन पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, घर चलकर आएंगी मां लक्ष्मी

  


हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

 Contact Me 9931401848/7274887378 Everyone

गुरुवार के दिन पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, घर चलकर आएंगी मां लक्ष्मी

गुरुवार के दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी विष्णु जी की अर्धांगिनी हैं। ऐसे में यदि आप गुरुवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं तो इससे आपको धन की देवी के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा की प्राप्ति हो सकती है। तो चलिए पढ़ते हैं लक्ष्मी जी के 108 नाम।

  1. गुरुवार के दिन की जाती है भगवान विष्णु की पूजा।
  2. गुरुवार के दिन मां लक्ष्मी की भी कर सकते हैं आराधना।
  3. साधक को मिलता है सुख-समृद्धि का आशीर्वाद।
 हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि मां लक्ष्मी कृपा से साधक को धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे में आप गुरुवार के दिन पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के 108 नामों का जप कर सकते हैं। इससे साधक पर धन की देवी की कृपा बनी रहती है और उसे आर्थिक समस्या से भी छुटकारा मिलता है।

मां लक्ष्मी के 108 नाम

2. ऊँ विकृत्यै नम:

3. ऊँ विद्यायै नम:
4. ऊँ सर्वभूत-हितप्रदायै नम:

5. ऊँ श्रद्धायै नम:
27. ऊँ लक्ष्म्यै नमः

28. ऊँ नित्यपुष्टायै नमः

29. ऊँ विभावर्यै नमः

30. ऊँ अदित्यै नमः

31. ऊँ दित्यै नमः

32. ऊँ दीप्तायै नमः

33. ऊँ वसुधायै नमः

34. ऊँ वसुधारिण्यै नमः

35. ऊँ कमलायै नमः

36. ऊँ कान्तायै नमः

37. ऊँ कामाक्ष्यै नमः

38. ऊँ क्रोधसंभवायै नमः

39. ऊँ अनुग्रहप्रदायै नमः
57. ऊँ वरारोहायै नमः

58. ऊँ यशस्विन्यै नमः

59. ऊँ वरलक्ष्म्यै नमः

60. ऊँ वसुप्रदायै नमः

61. ऊँ शुभायै नमः

62. ऊँ हिरण्यप्राकारायै नमः

63. ऊँ समुद्रतनयायै नमः

64. ऊँ पद्ममुख्यै नमः

65. ऊँ पद्मनाभप्रियायै नमः
धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए आप पूजा के दौरान उन्हें कमल का फूल, सफेद रंग की मिठाई, खीर आदि का भोग लगा सकते हैं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी आपसे प्रसन्न होती हैं और धन-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
102. ऊँ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः

103. ऊँ शान्तायै नमः

104. ऊँ शुक्लमाल्यांबरायै नमः

105. ऊँ श्रियै नमः

106. ऊँ जयायै नमः

107. ऊँ मंगलादेव्यै नमः

108. ऊँ विष्णुवक्षस्थलस्थितायै नमः

अगले साल इन राशि के जातकों पर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा, धन से भर जाएगी खाली तिजोरी

 


हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

 Contact Me 9931401848/7274887378 Everyone

अगले साल इन राशि के जातकों पर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा, धन से भर जाएगी खाली तिजोरी

सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही लक्ष्मी वैभव व्रत रखा जाता है। साथ ही साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साल 2025 में धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा 2 राशि के जातकों (Maa Laxmi Favorite zodiac signs) पर बरसेगी।


  1. शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय है।
  2. शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  3. मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।....................................................................साल 2025 में कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे। इन ग्रहों के राशि परिवर्तन से कई राशि के जातकों को लाभ प्राप्त होगा। वहीं, कई राशि के जातकों को अपने जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। न्याय के देवता शनिदेव मार्च महीने में राशि परिवर्तन करेंगे। वहीं, देवगुरु बृहस्पति मई महीने में राशि परिवर्तन करेंगे। जबकि, जनवरी महीने में सुखों के कारक शुक्र देव मीन राशि में गोचर करेंगे। ग्रहों के राशि परिवर्तन से राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ेगा। इनमें 2 राशि के जातकों को साल 2025 में सर्वाधिक लाभ होगा। इन राशि के जातकों पर धन की देवी मां लक्ष्मी (Maa Durga Favorite zodiac signs) की विशेष कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। साथ ही धन संबंधी परेशानी दूर हो जाएगी। इसके अलावा, आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होगी। आइए जानते हैं-

वृषभ राशि (Taurus)


साल 2025 वृषभ राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ रहने वाला है। वर्तमान समय में देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में विराजमान हैं। वहीं, मई महीने में मिथुन राशि में गोचर करेंगे। राशि परिवर्तन के दौरान देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि के द्वितीय भाव में विराजमान रहेंगे। इस भाव में देवगुरु बृहस्पति के रहने से वृषभ राशि के जातकों को आर्थिक लाभ मिल सकता है। वहीं, शुक्र देव वृषभ राशि के स्वामी हैं। इसके लिए शुक्र देव की भी कृपा बरसेगी। इस राशि में चंद्र देव उच्च के होते हैं। अतः मन प्रसन्न रहेगा। शुभ कार्यों में सफलता मिलेगी। मां लक्ष्मी की कृपा से सभी बिगड़े काम बनेंगे। कार्य में प्रगति आएगी। करियर को नया आयाम मिलेगा। धर्म कर्म में रूचि बढ़ेगी। मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए शुक्रवार के दिन सफेद चीजों का दान करें।

तुला राशि (Libra)

तुला राशि के जातकों के लिए भी साल 2025 शानदार साबित हो सकता है। इस वर्ष शनिदेव की विशेष कृपा तुला राशि के जातकों पर बरसेगी। इस राशि के स्वामी शुक्र देव हैं और आराध्या मां लक्ष्मी हैं। अतः तुला राशि के जातकों पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से जीवन में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है। शनिदेव की कृपा से करियर में विशेष सफलता मिल सकती है। आसान शब्दों में कहें तो मनमुताबिक सफलता मिल सकती है। रुके हुए कार्य में प्रगति आएगी। कारोबार में भी निवेश करना फलदायी साबित हो सकता है। कर्मशील व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होगा। धन स्वामित्व बढ़ेगा। निवेश करने की सोच रहे हैं, तो साल 2025 उत्तम साबित हो सकता है। हालांकि, गुस्से पर नियंत्रण रखें। हर शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा के समय मां लक्ष्मी को श्रीफल अर्पित करें।

अगले साल इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, आर्थिक तंगी से मिलेगी मुक्ति

 


हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

 Contact Me 9931401848/7274887378 Everyone



अगले साल इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, आर्थिक तंगी से मिलेगी मुक्ति

 सूर्य देव और राहु (Horoscope 2024) के मध्य शत्रुवत संबंध है। आगामी वर्ष में केतु सूर्य की राशि सिंह में गोचर करेंगे। इसके लिए सिंह राशि के जातकों को सावधान रहने की आवश्यकता है। वर्तमान समय से भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव की पूजा करने से राहु-केतु का अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाता है।


सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और आराध्य भगवान विष्णु हैं।

कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव हैं और आराध्य भगवान शिव हैं।

भगवान शिव की पूजा करने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को मायावी ग्रह कहा जाता है। दोनों वक्री चाल चलते हैं। वर्तमान समय में राहु गुरु की राशि मीन में विराजमान हैं। वहीं, केतु बुध की राशि कन्या में विराजमान हैं। मीन राशि के जातकों पर साढ़े साती भी चल रही है। इसके लिए मीन राशि के जातकों के जीवन में अस्थिरता है। आसान शब्दों में कहें तो मीन राशि के जातकों को जीवन में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि, मीन राशि में शुक्र देव उच्च के होते हैं। इसके लिए मीन राशि के जातकों को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। राहु और केतु के राशि परिवर्तन से राशि चक्र पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। मायावी ग्रह के राशि परिवर्तन से 2 राशि के जातकों को लाभ प्राप्त होगा। वहीं, 2 राशि के जातकों को सतर्क रहना पड़ेगा। आइए जानते हैं-

ज्योतिषियों की मानें तो मायावी ग्रह राहु 18 मई को राहु वक्री चाल चलकर मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं, केतु वक्री चाल चलकर कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। राहु कुंभ राशि में 5 दिसंबर, 2026 तक रहेंगे। वहीं, केतु सिंह राशि में 5 दिसंबर, 2026 तक रहेंगे। इसके लिए कुंभ और सिंह राशि के जातकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

कन्या राशि (Kanya Rashi)

वर्तमान समय में कन्या राशि के जातक केतु से पीड़ित हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कई अवसर पर केतु की कृपा बरसने से जातक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। वहीं, कुदृष्टि पड़ने पर जातक असमंजस में रहता है। फैसले लेते समय जल्दबाजी करते हैं। इससे बने काम भी बिगड़ जाते हैं। बेवजह शक करने की आदत से रिश्ते में दरार पैदा हो जाता है। साथ ही जातक भ्रमित रहता है। इन सभी परेशानियों से कन्या राशि के जातकों को आगामी वर्ष से मुक्ति मिलेगी। कारोबार में व्याप्त मंदी दूर होगी। धन व्यय पर भी रोक लगेगा। सही समय पर उचित फैसले लेंगे। इससे लाभ प्राप्त होगा। रुके हुए कार्य में प्रगति आएगी। अपनों का साथ मिलेगा।

मीन राशि (Meen Rashi)

साल 2025 में मीन राशि के जातकों को भी मायावी ग्रह राहु (Rahu Ketu Effects) से मुक्ति मिल जाएगी। इससे मीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। वर्तमान समय में गलत फैसले लेने या फैसले लेने में असमर्थ होने के चलते मीन राशि के कई कार्य में बाधा आ रही है। वहीं, गुरु और राहु की युति से गुरु चांडाल दोष बनता है। ज्योतिषियों की मानें तो राहु विरलय ही देवगुरु बृहस्पति के साथ रहने पर शुभ फल देते हैं। मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। इसके अलावा, कई अवसर पर मीन राशि के जातकों का धन व्यय अधिक हो रहा है। इन सभी मुश्किलों से अगले साल मुक्ति मिलेगी। हालांकि, साढ़े साती के चलते अभी आपको विषम परिस्थिति से दो-चार होना पड़ सकता है। भगवान विष्णु की पूजा करें।  

Tuesday, November 12, 2024

Guru Nanak Jayanti 2024 : कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्यों मनाते हैं गुरु नानक जयंती? जानें महत्व

 


Guru Nanak Jayanti 2024 : कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्यों मनाते हैं गुरु नानक जयंती? जानें महत्व



Guru Nanak Jayanti kab hai: गुरु नानक जयंती गुरु नानक देव जी के जन्म का उत्सव है, जो सिख धर्म में समानता, प्रेम और सेवा के प्रतीक हैं. इस दिन लोग कीर्तन, अखंड पाठ और लंगर का आयोजन कर उनके उपदेशों को याद करते हैं और सेवा, परोपकार, और ईश्वर-भक्ति का पालन करने का संकल्प लेते हैं.



Guru Nanak Jayanti 2024 Date: गुरु नानक जयंती सिख समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. यह पर्व हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इसे “गुरुपर्व” या “प्रकाश पर्व” भी कहा जाता है. यह पर्व सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. गुरु नानक देव जी को सिख समुदाय के पहले गुरु के रूप में भी जाना जाता है. यह आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर में पड़ता है. सिख समुदाय के लोगों के लिए यह पर्व बहुत खास होता है. इस पर्व को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन सभी गुरुद्वारों में विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता है. आइए जानते हैं इस वर्ष गुरु नानक जयंती किस दिन मनाई जाएगी.

गुरु नानक जयंती तिथि ( Guru Nanak Jayanti 2024 Date)

हर साल कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती का पर्व मनाया जाता है. इस साल कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर 2024 को पड़ रही है. इसलिए इस वर्ष गुरु नानक जयंती का पर्व 15 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस वर्ष गुरु नानक जी की 555 वीं जयंती मनाई जाएगी.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्यों मनाई जाती है गुरु नानक जयंती?

कहा जाता है कि गुरु नानक देव जी का जन्म साल 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था, तब से लेकर आज तक हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन उनकी जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. गुरु नानक जयंती के दो दिन पहले “अखंड पाठ” का आयोजन किया जाता है, जिसमें गुरु ग्रंथ साहिब का लगातार 48 घंटे का पाठ किया जाता है. इस पाठ का समापन गुरु नानक जयंती के दिन होता है. गुरु नानक जयंती के दिन सुबह में “नगर कीर्तन” का आयोजन किया जाता है.


नगर कीर्तन में सिख समुदाय के लोग शबद कीर्तन गाते हुए, गुरु ग्रंथ साहिब को पालकी में लेकर एक जुलूस के रूप में चलते हैं.इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन और प्रवचन होते हैं, जहां गुरु नानक देव जी के उपदेशों और शिक्षाओं के बारे में बताया जाता है. इससे सिख समुदाय के लोग उनके संदेशों को याद करते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं. इस दिन गुरुद्वारों में विशेष लंगर का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी धर्मों और जातियों के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं.

लंगर का उद्देश्य समानता और भाईचारे का संदेश देना है. कुछ स्थानों पर इस अवसर पर दीपक जलाए जाते हैं और गुरुद्वारों को सजाया जाता है. इस दिन लोग सेवा व दान आदि भी करते हैं, जैसे गरीबों को भोजन कराना, कपड़े दान करना, और समाज सेवा से जुड़े कार्य करते हैं.

गुरु नानक जयंती का महत्व

गुरु नानक जयंती का महत्व सिख धर्म के पहले गुरु माने जाने वाले, गुरु नानक देव जी के जीवन और उनके उपदेशों को स्मरण करना है. गुरु नानक देव जी ने हमेशा समानता, प्रेम, सेवा, और ईमानदारी के सिद्धांतों पर जोर दिया. इस दिन लोग जाति और धर्म से परे, सभी के प्रति भाईचारा और सहिष्णुता की भावना को अपनाने का संकल्प लेते हैं. गुरु नानक देव जी ने “नाम जपो, किरत करो, वंड छको” का संदेश दिया, यानी ईश्वर का नाम जपें, ईमानदारी से कार्य करें और जरूरतमंदों के साथ बांटकर खाएं. यह पर्व उनके द्वारा स्थापित निस्वार्थ सेवा और मानवता के प्रति प्रेम की भावना को मनाने और अपने जीवन में उतारने का पावन अवसर होता है.

हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

 Contact Me 9931401848/7274887378 Everyone


Take care everyone 

मां अन्नपूर्णा की कृपा के लिए करें ये काम, कभी खाली नहीं होंगे अन्न के भंडार

     हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय 🕉️ 🙏🕉️🙏🌍  प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर (श्री शिव मन्दिर )   महंत जी :- श्री पप्पू बाबा ...