Friday, September 13, 2024

Parivartini Ekadashi 2024: जलझूलनी एकादशी कल, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व Parivartini Ekadashi 2024

 


Parivartini Ekadashi 2024: जलझूलनी एकादशी कल, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Parivartini Ekadashi 2024: जलझूलनी या परिवर्तिनी एकादशी भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.



Parivartini Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में जलझूलनी एकादशी यानी परिवर्तिनी एकादशी का महत्वपूर्ण स्थान है. मान्यता के अनुसार योग निद्रा में गए भगवान विष्णु इस तिथि पर ही करवट बदलते हैं, इसी कारण इस तिथि पर विष्णु भगवान की खास पूजा अर्चना की जाती है. कहा जाता है कि इस एकादशी के दिन व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही परिवर्तिनी एकादशी पर व्रत के साथ साथ श्रीहरि के मंत्रों का जाप करने से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है. इसलिए एकादशी की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है.


परिवर्तिनी एकादशी 2024 पूजा विधि ( Parivartini Ekadashi 2024 Puja Vidhi)

परिवर्तिनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. फिर एक साफ स्थान पर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. भगवान विष्णु के चारों हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म रखें. फिर भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक और धूप जलाएं. भगवान को फल, फूल और मिठाई चढ़ाएं. भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें जैसे- ॐ नमो नारायणाय नमः, ॐ विष्णवे नमः, साथ ही परिवर्तिनी एकादशी की कथा सुनें और पूजा का समापन भगवान विष्णु की आरती के साथ करें. एकादशी के दिन व्रत पारण करने के बाद द्वादशी तिथि को भोजन करना चाहिए और साथ ही ब्राह्मणों को दान देना भी शुभ माना जाता है.

परिवर्तिनी एकादशी के दिन करें ये उपाय

  • विष्णु सहस्रनाम का जाप करें

इस दिन विष्णु सहस्रनाम का जाप करना बहुत शुभ माना जाता है. यह भगवान विष्णु को प्रसन्न करने का एक प्रभावशाली तरीका माना जाता है.

  • तुलसी की पूजा करें

तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को अति प्रिय है. इस दिन तुलसी की पूजा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है.

  • गरीबों को दान प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर(श्री शिव मन्दिर ) एवं LAKSHY DREAM FOUNDATION Trust 🙏🕉️🙏महंत/पुजारी जी :- श्री पप्पू बाबा जी  उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय जी  कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया

इस दिन गरीब समुदाय  को भोजन करवाएंगे  प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर(श्री शिव मन्दिर ) एवं LAKSHY DREAM FOUNDATION Trust हर गरीब समुदाय को पेट बरेगें, ओर वस्त्र भी पहनाएंगे गरीब  समुदाय को दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसलिए हर एकादशी के दिन ऐसा जरूर करें  महंत/पुजारी जी :- श्री पप्पू बाबा जी उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय जी 🙏 contact No. 9931401848/7274887378

  • भगवान विष्णु की मूर्ति का स्नान

इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति का पंचामृत से स्नान करना शुभ माना जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है.

हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍🙏🕉️🙏

 प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मंदिर
(श्री शिव मन्दिर ) 
 महंत जी :- श्री पप्पू बाबा उर्फ़ श्री राज कुमार पाण्डेय कलेक्ट्रियट घाट पटना इण्डिया 

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Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत में भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और सब कुछ


Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत में भोलेनाथ को ऐसे करें प्रसन्न, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि और सब कुछ

Ravi Pradosh Vrat 2024 Date and Time: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. भगवान शिव को समर्पित यह व्रत महीने में दो बार रखा जाता है. कहते हैं कि इस व्रत में भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.



Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है. यह व्रत हर मास की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत महीने में 2 बार आता है और साल में 24 प्रदोष व्रत होते हैं. सितंबर महीने का प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए यह रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा. मान्यता है कि इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से व्रत का पालन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.


रवि प्रदोष व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त (Ravi Pradosh Vrat 2024 Tithi Aur Shubh Muhurat)
हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 अगस्त की रात में 01 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी. त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में होती है. इसलिए इस माह 15 सितंबर, रविवार के दिन प्रदोष व्रत किया जाएगा.

रवि प्रदोष व्रत पूजा विधि (Ravi Pradosh Vrat Puja Vidhi )
प्रदोष व्रत की पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर साफ वस्त्र धारण करें. उसके बाद व्रत का संकल्प लेने केबाद घर के मंदिर की साफ सफाई कर लें. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भोलेनाथ की मूर्ति स्थापित करें. फिर गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और चीनी के पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें. फिर शुद्ध जल से शिवलिंग को स्नान कराएं. उसके बाद फूल , माला बेलपत्र सफेद फूल, धतूरा और भांग आर्पित करें. उसके बाद धूप और दीप जलाकर शिव मंत्रों का जाप करं. पूजा करने के बाद धूप-दीप जलाकर आरती करें. उसके बाद प्रदोष व्रत की कथा पढ़े और सुनें. मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न होते हैं. जिससे व्यक्ति के जीवन में हमेश खुशहाली बनी रहती है.


रवि प्रदोष व्रत का महत्व (Ravi Pradosh Vrat Significance)
रवि प्रदोष व्रत व्यक्ति के कल्याण के लिए और बहुत ही शुभ और मंगलकारी माना जाता है. मान्यता है कि पूर्ण श्रद्धा और विधि विधान के अनुसार को कोई भी इस व्रत को करता है और इस व्रत की कथा को पढ़ता या सुनता है तो उसपर भगवान शिव की कृपा बरसती है जिसके परिणामस्वरूप उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसके जीवन में सुख व समृद्धि भी आती है. कईं जगह इस दिन भगवान शंकर के नटराज रूप की भी पूजा की जाती है.

हर महादेव 🕉️ नमः शिवाय🕉️ 🙏🕉️🙏🌍🙏🕉️🙏

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