प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मन्दिर (श्री शिव मन्दिर)
आपसभी भगतगणो को पौष पूर्णिमा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं महंत/पुजारी:- श्री पप्पू बाबा(उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रीट घाट पटना बिहार इंडिया
हिंदू पंचाग के तिथि में चंद्रमा के अनुसार ही बदलती है। इस दिन धार्मिक मान्यता के अनुसार दान और स्नान का बहुत ही महत्व होता है। यहां जानिए तिथि और समय:--
इस बार पौष माह की पूर्णिमा 06 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन चंद्रमा का आकार पूरा होता है। पौष के माह को सूर्य का माह भी कहा जाता है। पौष पूर्णिमा के दिन स्नान और दान को महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन की हर बाधा दूर होती है।
हिंदू धर्म में पूर्णिमा को बेहद खास माना जाता है। इस बार की पौष मास की पूर्णिमा 06 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। यह साल 2023 की पहली पूर्णिमा है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण आकार में होता है। पौष को भगवान सूर्य का महीना कहा जाता है इसलिए इस महीने में आने वाली पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहते हैं। हिन्दू धर्म में इस पूर्णिमा का काफी महत्व दिया जाता है और इस दिन लोग अलग-अलग रीति-रिवाज़ों से पूजा करते हैं। मान्यता के अनुसार, पौष पूर्णिमा पर विधिवत पूजन से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व बतलाया गया है।
पौष पूर्णिमा का महत्व (Paush Purnima 2023 Importance)
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पौष सूर्य देव का माह कहलाता है। इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है। पौष का महीना सूर्य देव का माह है और पूर्णिमा चंद्रमा की तिथि है। अतः सूर्य और चंद्रमा का यह अद्भूत संगम पौष पूर्णिमा की तिथि को ही होता है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है।
पौष पूर्णिमा 2023 शुभ मुहूर्त (Paush Purnima 2023 Shubh Muhurat)
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 06 जनवरी 2023 को रात 02 बजकर 16 मिनट पर होगी और इसका समापन 07 जनवरी 2023 को सुबह 04 बजकर 37 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, पौष पूर्णिमा इस बार 06 जनवरी को ही मनाई जाएगी. साथ ही इस बार पौष पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। यह एक अत्यंत शुभ योग माना जाता है और इसमें किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग 7 जनवरी, 2023 शनिवार को रात 12 बजकर 14 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर होगा।
पौष पूर्णिमा पूजन विधि (Paush Purnima 2023 Pujan Vidhi)
सुबह स्नान से पहले व्रत करने का संकल्प लिया जाता है। पवित्र नदी में नहाने के बाद भगवान को अर्घ्य दें। सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं। इस दिन कंबल, गुड़, तिल जैसी चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।
No comments:
Post a Comment