आप सभी को श्री चैती छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
प्राचीन श्री गौरी शिव शंकर मनोकामना सिद्ध मन्दिर (श्री शिव मन्दिर)
आपसभी भगतगणो को चैती छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं महंत/पुजारी:- श्री पप्पू बाबा(उर्फ श्री राज कुमार पाण्डेय) कॉलेक्ट्रीट घाट पटना बिहार इंडिया
25 मार्च को नहाय खाय के साथ चैती छठ पर्व की शुरुआत होगी। 26 मार्च को खरना पूजा होगी. 27 मार्च को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और 28 मार्य को उदयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर पारण किया जाएगा. जानें सभी का शुभ मूर्हुत...
लोक आस्था का महापर्व चैती छठ की शुरुआत नहाय खाये के साथ 25 मार्च से शुरू हो रहा है। साल भर में 2 बार छठ मनाया जाता है। मार्च या अप्रैल के महीने में चैती छठ और दूसरा कार्तिक मास अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है। देश के कई हिस्सों में इस पर्व को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। खासकर बिहार, झारखण्ड, उत्तरप्रदेश में इस लोक आस्था के महापर्व को बड़े ही आस्था के साथ मनाते हैं।
25 मार्च को भरणी नक्षत्र में नहाय-खाय के साथ चैती छठ महापर्व शुरू होगा। उस दिन व्रती गंगा स्नान कर अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी, आंवले की चाशनी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय इस महापर्व का संकल्प लेंगे। 26 मार्च रविवार को कृत्तिका नक्षत्र और प्रीति योग में व्रती पूरे दिन उपवास कर संध्या काल में खरना की पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करेंगे।
इसी के साथ व्रतियों का 36 घंटे निर्जला उपवास शुरू हो जाएगा।
सूर्य अर्ध्य अर्पित करने का शुभ मुहूर्त:उन्होंने बताया कि 27 मार्च को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा और 28 मार्य को उदयमान सूर्य को अर्ध्य अर्पित कर पारण किया जाएगा। 27 मार्च को शाम के अर्ध्य के लिए 5.30 बजे व 28 मार्च को सुबह के अर्ध्य के लिए 5.55 बजे का मुहूर्त शुभ है।
चैती छठ सबसे प्राचीनतम छठ पर्व है। इस महीने में होने वाली नवरात्र पूजा भी सबसे प्राचीनतम है। चैती छठ की अपनी महत्वता है। इसे करने से शरीर के सारे कष्ट का निवारण होता है। साथ ही जितनी भी पारिवारिक उलझन है वो दूर होंगे।
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